रांची. पेसा कानून 1996 को लागू करने की मांग को लेकर झारखंड उलगुलान संघ, आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद तथा अन्य आदिवासी संगठन पेसा पदयात्रा करेंगे. पदयात्रा की शुरुआत 19 मार्च को खूंटी के डोंबारी बुरू से होगी, जो 21 मार्च को रांची पहुंचेगी. इस दौरान विधानसभा का घेराव किया जायेगा. सोमवार को पेसा पदयात्रा को लेकर आदिवासी संगठनों की संयुक्त प्रेस वार्ता में यह जानकारी झारखंड उलगुलान संघ के संयोजक अलेस्टेयर बोदरा, आदिवासी क्षेत्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष ग्लैडसन डुंगडुंग, आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक लक्ष्मी नारायण मुंडा, बिनसाय मुंडा, सुषमा बिरूली सहित अन्य ने दी. कहा कि झारखंड सरकार अपने चुनावी वादे के मुताबिक ‘पेसा कानून 1996’ को लागू नहीं कर रही है. इसलिए पेसा पदयात्रा आयोजित की जायेगी. यात्रा के दौरान सरकार को उसके वादे को याद कराया जायेगा. वक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार मांगों को पूरा नहीं करती है, तो उलगुलान किया जायेगा. ग्लैडसन डुंगडुंग ने कहा कि पेसा कानून 1996 के 23 प्रावधानों को झारखंड के अनुसूचित क्षेत्रों में लागू करने की मांग है. इस मांग के समर्थन में विगत तीन महीने से आदिवासी संगठनों द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में पेसा पदयात्रा आयोजित की गयी है. इसके बाद 24 मार्च को आदिवासी प्रतिनिधिसभा का आयोजन होगा. इसके बावजूद सरकार पेसा कानून 1996 को लागू नहीं करती है, तो राज्यभर से बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग मोरहाबादी पहुंचेंगे. बिनसाय मुंडा ने कहा कि गांव-गांव से आदिवासी समुदाय के लोग पदयात्रा पर निकलेंगे. इसमें प्रत्येक परिवार से एक व्यक्ति शामिल होगा. लक्ष्मी नारायण मुंडा ने कहा कि अबुआ सरकार भटक गयी है इसलिए डोंबारी बुरू से उलगुलान करने की जरूरत पड़ रही है. प्रेस वार्ता में मेरी क्लाॅडिया सोरेंग, आशीष गुड़िया, जाॅन जुर्सन गुड़िया सहित अन्य शामिल थे.
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