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PM Modi Gift: केंद्रीय कैबिनेट की झारखंड को बड़ी सौगात, झरिया संशोधित मास्टर प्लान के लिए 5940 करोड़ मंजूर

PM Modi Gift: केंद्रीय कैबिनेट ने आज बुधवार को झारखंड को बड़ी सौगात दी है. कोयला नगरी धनबाद के झरिया संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी देते हुए 5940 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी दी. जमीन के अंदर कोयले में लगी आग के कारण झरिया शहर पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से जल रहा है.

PM Modi Gift: रांची-केंद्रीय कैबिनेट ने आज झारखंड के धनबाद जिले के काफी पुराने मुद्दे पर अपनी स्वीकृति दे दी है. झरिया भूमिगत (अंडरग्राउंड) आग के लिए संशोधित मास्टर प्लान को लेकर 5940 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे दी है. ये मुद्दा काफी पुराना है. दिल्ली में आज बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें पारित प्रस्ताव की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. जमीन के अंदर कोयले में लगी आग के कारण झरिया शहर पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से जल रहा है. आग प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए वर्ष 2009 में झरिया मास्टर प्लान बना था. अब 2025 में संशोधित मास्टर प्लान को मंजूरी दी गयी है.

आग प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित परिवारों को बड़ी राहत


केंद्र सरकार ने झारखंड के झरिया में भूमिगत आग से निपटने और उससे प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए 5,940 करोड़ रुपए के संशोधित झरिया मास्टर प्लान (जेएमपी) को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गयी. संशोधित मास्टर प्लान में आग से प्रभावित क्षेत्रों से पुनर्वासित किए जा रहे परिवारों के लिए आजीविका सृजन पर जोर दिया गया है. इसके तहत कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जाएंगे. पुनर्वास वाले परिवारों की आर्थिक आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने के लिए आय-सृजन के अवसर भी पैदा किए जाएंगे. केंद्र सरकार ने अगस्त 2009 में धनबाद जिले में आग, भूस्खलन और पुनर्वास से निपटने के लिए झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी. इसकी कार्यान्वयन अवधि 10 वर्ष और कार्यान्वयन-पूर्व अवधि दो वर्ष रखी गई थी. पिछली मास्टर प्लान योजना वर्ष 2021 में खत्म हो गयी थी.

2009 में बना था झरिया मास्टर प्लान


केंद्र सरकार ने 12 अगस्त 2009 को 7112.11 करोड़ रुपए के बजट के साथ झरिया मास्टर प्लान को मंजूरी दी थी, ताकि अग्नि प्रभावित परिवारों के पुनर्वास सहित आग और भू-धंसान से जुड़ी समस्याओं का निबटारा किया जा सके. आग से निबटने की पूरी जिम्मेदारी बीसीसीएल की है, जबकि कोलकर्मियों को पुनर्वासित करने की जिम्मेदारी बीसीसीएल और गैर बीसीसीएल कर्मियों के पुनर्वासित करने की जिम्मेदारी झरिया पुनर्वास एवं विकास प्राधिकरण (जेआरडीए) की है.

100 से अधिक साल से जल रहा है झरिया शहर


जमीन के अंदर कोयले में लगी आग के कारण झरिया शहर पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से जल रहा है. राष्ट्रीयकरण के वक्त झरिया कोयलांचल के करीब 17.32 स्क्वायर किलोमीटर में आग का दायरा फैला हुआ था, लेकिन यह करीब 1.53 स्क्वायर किलोमीटर क्षेत्र में सिमट चुका है. नेशनल रिमोट सेंटर (एनआरएससी) की ताजा रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है.

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Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

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