Political Donation: खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड ने वर्ष 2024-25 में किस पार्टी को कितना चंदा दिया, इसकी जानकारी सामने आ गयी है. कंपनी की ताजा वार्षिक रिपोर्ट से पता चला है कि इस साल कंपनी ने भाजपा को 400 प्रतिशत अधिक चंदा दिया है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इस कंपनी से 97 करोड़ रुपए चंदा मिला है. कांग्रेस को 10 मात्र करोड़ रुपए और झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) को 20 करोड़ रुपए वेदांता ने कंपनी को चंदा दिया है.
अनिल अग्रवाल की कंपनी की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
अरबपति उद्योगपति अनिल अग्रवाल की खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड ने लंदन में लिस्टेड वेदांता रिसोर्सेज पीएलसी को प्रबंधन और ब्रांडिंग खर्च का विवरण दिया है. कंपनी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ‘विविध मद’ के अंतर्गत, राजनीतिक दलों को चंदे के साथ-साथ अन्य खर्च का विवरण दिया है.
2024-25 में वेदांता ने दिया 157 करोड़ का राजनीतिक चंदा
कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष (2024-25) में कुल 157 करोड़ रुपए का राजनीतिक चंदा दिया, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 97 करोड़ रुपए था. रिपोर्ट के अनुसार, एक तरह भाजपा को दिया गया चंदा 4 गुना हो गया, तो मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को चंदा घटकर सिर्फ 10 करोड़ रुपए रह गया.
वेदांता से भाजपा को मिले 97 करोड़ के डोनेशन
पिछले वित्त वर्ष में कंपनी ने भाजपा को 97 करोड़ रुपए का चंदा दिया. यह राशि 31 मार्च, 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में सिर्फ 26 करोड़ रुपए थी. बीते वित्त वर्ष में वेदांता ने ने ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजद) को 25 करोड़ रुपए (इससे पिछले वित्त वर्ष में 15 करोड़ रुपए) चंदा दिये थे.
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Political Donation: झामुमो का चंदा भी बढ़कर हुआ 4 गुना
झारखंड में सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा का चंदा भी 4 गुना बढ़ गया है. पिछले साल इस कंपनी ने झामुमो को 20 करोड़ रुपए दिये थे. इससे पिछले वित्त वर्ष में 5 करोड़ रुपए मिले थे. कांग्रेस को 10 करोड़ रुपए और इसके पिछले वित्त वर्ष में 49 करोड़ रुपए) का चंदा मिला था.
चंदा देने के मामले में सबसे बड़ी कंपनियों में एक वेदांता
वेदांता राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में सबसे बड़ी कंपनियों में एक है. वित्त वर्ष 2022-23 में इसने राजनीतिक दलों को कुल 155 करोड़ रुपए और वर्ष 2021-22 में 123 करोड़ रुपए चंदा दिया था. हालांकि, इन वित्त वर्षों के लिए चंदा पाने वाले राजनीतिक दलों का ब्योरा नहीं दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड पर लगा दिया था प्रतिबंध
कंपनी ने चुनावी बांड (अब रद्द हो चुके) के माध्यम से वर्ष 2017 से राजनीतिक दलों को 457 करोड़ रुपए का चंदा दिया है. चुनावी बांड कंपनियों और व्यक्तियों को राजनीतिक दलों को अपनी पहचान बताये बिना चंदा देने की अनुमति देते थे. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल चुनावी बांड को असंवैधानिक बताते हुए इन पर प्रतिबंध लगाया दिया था.
वेदांता की तरह टाटा का भी है इलेक्टोरल ट्रस्ट
वेदांता का जनहित इलेक्टोरल ट्रस्ट, राजनीतिक दलों को चंदा देने के लिए कंपनियों द्वारा स्थापित एक दर्जन से अधिक चुनावी न्यास में से एक है. इसी तरह के न्यास टाटा का प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट भी है.
इन कंपनियों का भी है इलेक्टोरल ट्रस्ट
कंपनियों द्वारा स्थापित इसी तरह के अन्य न्यास में रिलायंस का पीपल्स इलेक्टोरल ट्रस्ट, भारती समूह का सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट, एमपी बिड़ला समूह का परिवर्तन इलेक्टोरल ट्रस्ट और केके बिरला समूह का समाज इलेक्टोरल ट्रस्ट एसोसिएशन शामिल हैं. बजाज और महिंद्रा के भी इसी तरह के इलेक्टोरल ट्रस्ट हैं.
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