रांची.
पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) से 800 मेगावाट बिजली का उत्पादन 15 अगस्त के बाद किसी भी दिन शुरू किया जा सकता है. इससे पहले छह अगस्त को तीसरा और अंतिम ट्रायल रन प्रस्तावित है. ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर भी लगभग पूरा हो चुका है. पतरातू से कटिया ग्रिड तक 400 केवी की डबल सर्किट ट्रांसमिशन लाइन को रविवार को बिना लोड के सफलतापूर्वक चार्ज कर लिया गया है. सर्किट-1 को 5:40 बजे और सर्किट-2 को 5:42 बजे चार्ज किया गया. इस 6.6 किलोमीटर लंबी लाइन की कुल लागत 64.51 करोड़ है. यह लाइन पतरातू ग्रिड को कटिया ग्रिड से जोड़ती है, जिससे झारखंड ऊर्जा संचरण निगम (जेयूएसएनएल) के माध्यम से हटिया और अन्य ग्रिडों को बिजली आपूर्ति की जा सकेगी.विश्व स्तरीय संचरण लाइन तैयार की गयी है
पूर्वी क्षेत्रीय भार प्रेषण केंद्र (इआरएलडीसी) ने इस लाइन की चार्जिंग को लेकर तीन अगस्त को स्वीकृति प्रदान की है. इसके तहत पीवीयूएनएल और जेयूएसएनएल में स्थित 400 केवी से संबंधित लाइन को भी चार्ज किया गया है. ट्रांसमिशन एमडी और ज्रेडा निदेशक केके वर्मा ने कहा कि झारखंड ऊर्जा संचरण निगम ने विश्व स्तरीय संचरण लाइन तैयार किया है. यह काम कई मायने में महत्वपूर्ण है. इस लाइन के समय पर बन जाने से निगम पर 500 करोड़ रुपये का अब जुर्माना नहीं लगेगा. यदि पतरातू प्लांट से उत्पादन शुरू होने के बाद यह लाइन तैयार होती, तो जुर्माना लगाया जाता. उच्च क्षमता वाली इस लाइन के बन जाने से झारखंड अब राष्ट्रीय ग्रिड को अतिरिक्त बिजली बेच कर करोड़ों रुपये की बचत और आय कर सकेगा. झारखंड बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बढ़ चुका है.
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