रांची-झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष राज्य के विकास के लिए आर्थिक जरूरतों का पूरा खाका रखा. राज्य सरकार की ओर से विशेष आर्थिक सहयोग की मांग की. हेमंत सोरेन सरकार के कुशल वित्तीय प्रबंधन को वित्त आयोग के समक्ष रखा. उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों के बीच संवैधानिक संबंधों के अलावा मानवीय और नैतिक संबंध की जरूरत है. आर्थिक-सामाजिक विकास में पिछड़े झारखंड को विशेष आर्थिक सहायता देकर विकास की मुख्यधारा में जोड़ा जाए.
झारखंड को मिले विशेष आर्थिक सहायता-राधाकृष्ण किशोर
झारखंड के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि संवैधानिक व्यवस्था के तहत देश में अर्धसंघीय शासन प्रणाली लागू की गयी है. भारतीय संविधान संघीय है, जिससे केंद्र को मजबूती मिलती है. उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि केंद्र और राज्यों के बीच संवैधानिक संबंधों के अतिरिक्त मानवीय व नैतिक संबंध की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि झारखंड नवसृजित प्रदेश आर्थिक-सामाजिक विकास में पीछे छूट गया है. झारखंड को विशेष आर्थिक सहायता देते हुए विकास की मुख्यधारा में जोड़ा जाए.
उग्रवाद नियंत्रित हुआ है, खत्म नहीं-वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि झारखंड देश का एक सर्वाधिक खनिज और वन संपदाओं से परिपूर्ण राज्य है. इसके बाद भी यह राज्य प्रति व्यक्ति आय के मामले में 26वें स्थान पर है. यह हमारा दुर्भाग्य था कि एक ओर जहां झारखंड का निर्माण हुआ. वहीं विरासत में हमें सामाजिक-आर्थिक विषमता और उग्रवाद मिला. झारखंड के गर्भ में खनिज था, वहीं इसकी जमीन में लैंड माइंस और बारूद पटा पड़ा था. झारखंड के पारंपरिक वाद्य यंत्रों की आवाज, राइफलों और बंदूकों की गर्जना में दब कर रह गयी थी. समय बीतता गया अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में राज्य और केंद्रीय पुलिस बल के सहयोग से उग्रवाद की समस्या पर नियंत्रण हुआ है. उग्रवाद नियंत्रित हुआ है, खत्म नहीं. ऐसे में इन इलाकों में विकास तेज करना होगा.
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