रांची.
रांची नगर निगम शहर में विकास कार्यों को गति देने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल कर रहा है. अब नगर निगम खाली पड़ी सरकारी भूमि और अतिक्रमित सरकारी भूमि का सर्वे कर विस्तृत डाटा तैयार करेगा. इस कदम का मुख्य उद्देश्य सरकारी संपत्तियों को अतिक्रमण मुक्त कराकर उन्हें निगम के नियंत्रण में लाना और फिर उनका उपयोग सार्वजनिक हित के कार्यों में करना है. इन जमीनों को निगम के लैंड बैंक में शामिल किया जायेगा.निगम प्रशासक ने दिये निर्देश
लैंड बैंक बनाये जाने को लेकर नगर निगम के प्रशासक ने टाउन प्लानिंग सेक्शन और भू-संपदा कोषांग को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये हैं. इन निर्देशों के तहत, सबसे पहले यह सुनिश्चित किया जायेगा कि यदि कोई सरकारी जमीन किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा अवैध रूप से कब्जा की गयी है, तो उसे तत्काल अतिक्रमण मुक्त कराया जाये. अतिक्रमण हटाने के बाद ऐसी जमीनों को निगम अपने कब्जे में लेगा. इसके अलावा उन जमीनों पर भी विशेष ध्यान दिया जायेगा, जो नक्शा पास होने के दौरान भू-स्वामियों द्वारा सड़क चौड़ीकरण (रोड वाइडनिंग) के लिए निगम को गिफ्ट की जाती है. अक्सर देखा जाता है कि देखरेख के अभाव में इन जमीनों पर दोबारा कब्जा हो जाता है. ऐसी जमीनों को निगम के रजिस्टर में विधिवत अंकित किया जायेगा और उनकी दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) की प्रक्रिया पूरी की जायेगी.
लैंड बैंक से शहर के विकास को मिलेगी गति
नगर निगम के इस लैंड बैंक से शहर में विकास कार्यों को धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी. वर्तमान में नगर निगम द्वारा पार्किंग, सामुदायिक भवन, सामुदायिक शौचालय, पार्क या खेल का मैदान बनाने की योजना तैयार की जाती है, तो उसमें सबसे बड़ी समस्या जमीन की आती है. जमीन नहीं होने के कारण ऐसी योजनाएं फाइलों से कभी बाहर नहीं निकल पाती हैं. ऐसे में लैंड बैंक का निर्माण होने पर ऐसे जमीनों पर विकास कार्यों को धरातल पर उतारने में मदद मिलेगी. इसका फायदा आनेवाले दिनों में शहर के लोगों को मिलेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है