Ranchi News| रांची, मनोज सिंह : आलू के पौधे में टमाटर की फसल! कभी सुना है आपने! नहीं न. यह सच है. झारखंड की राजधानी रांची के अनगड़ा में ऐसा हुआ है. आलू के पौधे में जमीन के नीचे आलू और ऊपर टमाटर उगे हैं. सही सुना आपने. आलू के पौधे में आलू के साथ-साथ टमाटर भी उगे हैं. आखिर ये कैसे हुआ?
खेती-बारी में हो रहे हैं नये-नये प्रयोग
देश भर में खेती-बारी में नये-नये प्रयोग हो रहे हैं. इस बार एक संस्था ने किसानों के सहयोग से जमीन के नीचे से आलू की उपज ली, तो ऊपर में उसी पौधे पर टमाटर तैयार किया. दोनों एक साथ तैयार किये गये. संस्था का यह प्रयोग सफल रहा. अनगड़ा स्थित मोबाइल एग्रीकल्चरल स्कूल एंड सर्विसेस (मास) के फार्म में यह प्रयोग किया गया. यह प्रयोग दिसंबर 2024 में शुरू हुआ था. दोनों उपज लेने के बाद यह प्रयोग पूरा हो गया.
इस तरह एक ही पौधे से ली 2 फसल
संस्था के सचिव विजय भरत ने बताया कि यह प्रयोग पिछले साल दिसंबर में शुरू हुआ था. पहले आलू के बीज से पौधा तैयार किया गया. 20 दिनों तक आलू को जमीन के नीचे गाड़ने के बाद पौधा तैयार हुआ. इसी तरह टमाटर का पौधा भी अलग तैयार किया गया. आलू का पौधा निकालकर जड़ से करीब दो इंच ऊपर काट दिया गया. इसके साथ टमाटर के पौधे की ग्राफ्टिंग कर दी गयी. इसको 7 दिनों तक अंधेरे में रखा गया. बाद में इसको अलग-अलग जगह पर प्लांट कर दिया गया.
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टमाटर लगाने वाली अनुशंसित दूरी अपनायी गयी
इस पौधे को टमाटर लगाने की दूरी को लेकर जो वैज्ञानिक अनुशंसा है, वह अपनायी गयी. मेद बनाकर पौधे लगाये गये. इसके लिए जो भी खाद और कीटनाशक की जरूरत थी समय-समय पर दी गयी. समय-समय पर जरूरी ट्रीटमेंट किया गया. 40 दिनों के बाद इससे टमाटर निकलना शुरू हो गया. अप्रैल मध्य तक टमाटर निकाले गये. इसके बाद नीचे से आलू निकाला गया. एक पौधे से औसतन 250 से 300 ग्राम आलू तैयार हुआ. इसी पौधे से करीब सात से 10 किलो टमाटर मिले.
2 फसल ले सकते हैं
भरत बताते हैं कि इस बार हमलोगों ने देर से यह प्रयोग शुरू किया था. आलू लगाने का सही समय बरसात होता है. फसल जाड़े में तैयार होती है. अगर सही समय पर प्लांटिंग की जाती, तो एक पौधे में 700 से 800 ग्राम तक आलू निकल सकता है. टमाटर की भी उपज 10 किलो से अधिक तक हो सकती है. खेत में कुल 250 पौधे ग्राफ्टिंग से लगाये गये थे. सभी पौधे जीवित रहे.
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