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Ranchi News विश्वास और ऊर्जा का आईना है ऑरा

पिछले दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हुआ.

नया स्लैंग : ऑरा फार्मिंग…जेन जेड के बीच पॉपुलर:::: आत्मविश्वास और स्टाइल को शांत चेहरे से जाहिर करने का नया ट्रेंड

रांची. पिछले दिनों सोशल मीडिया में एक वीडियो खूब वायरल हुआ. इसमें इंडोनेशिया का रहनेवाला महज 11 साल का वो बच्चा है, जिसने नाव की नोक पर स्टाइल दिखाने का तरीका ही बदल दिया. इंडोनेशिया के एक 11 वर्षीय बच्चे रैयान अर्कान ढिका पारंपरिक बोट रेस में नाव की नोक पर बिना किसी भाव-भंगिमा के बेहद शांत ढंग से खड़े होकर डांस करते नजर आए. उनका आत्मविश्वास और सहजता इतनी प्रभावशाली लगी कि लोगों ने इसे ऑरा फार्मिंग का नाम दे दिया. यह एक नया इंटरनेट स्लैंग बन गया है. खासकर जेन जेड और जेन अल्फा के बीच पॉपुलर हो रहा है. आत्मविश्वास और स्टाइल को बिना बोले, केवल चाल-ढाल और शांत चेहरे से जाहिर करने की यह कला इंटरनेट पर चर्चा का विषय बन गयी है. देश-दुनिया के कई चर्चित नाम इस ट्रेंड पर वीडियो बना रहे हैं.

क्या है ऑरा फार्मिंग?

ऑरा यानी आभा एक आध्यात्मिक और ऊर्जावान अवधारणा है. ऑरा का शाब्दिक अर्थ होता है किसी व्यक्ति या वस्तु के चारों ओर की अदृश्य ऊर्जा, जो उसके व्यक्तित्व को दर्शाती है. यह माना जाता है कि हर व्यक्ति के चारों ओर एक ऊर्जा क्षेत्र होता है, जो विभिन्न रंगों और पैटर्न में दिखाई दे सकता है. यह सिर्फ एक भौतिक शरीर तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे विचारों, भावनाओं, स्वास्थ्य और समग्र ऊर्जा स्थिति का प्रतिबिंब होता है. ऑरा फार्मिंग आत्मविश्वास, नियंत्रण और स्टाइल के संतुलन का प्रतीक है. यह वह तरीका है जिसमें कोई व्यक्ति बिना शब्दों के केवल अपने हाव-भाव, चाल और मौजूदगी से प्रभाव छोड़ता है.

क्रिकेटर भी ट्रेंड फॉलो करते दिखे

इस ट्रेंड को भारत में भी काफी फॉलो किया जा रहा है. सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर और क्रिएटर इस पर अपने अंदाज में वीडियो बना रहे हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी सूर्यकुमार यादव भारतीय महिला टीम की ऑलराउंडर श्रेयंका पाटिल के साथ ऑरा फार्मिंग ट्रेंड को फोलो करते दिखे. उनका वीडियो खूब वायरल हुआ.

ऐसे मजबूत कर सकते हैं अपना ऑरा

– अपनी सोच और भावनाओं को सकारात्मक रखना ऑरा यानी आभा को मजबूत बनाता है.

– ध्यान, मन को शांत करता है और ऊर्जा को संतुलित करता है.

– श्वास अभ्यास ऊर्जा चैनलों को शुद्ध करते हैं और चक्रों को संतुलित करते हैं.

– प्रकृति में समय बिताने से आभा स्वाभाविक रूप से शुद्ध और पुनर्जीवित होती है.

– आभा को एक अदृश्य ऊर्जावान क्षेत्र माना जाता है जो भौतिक, मानसिक, भावनात्मक और आध्यात्मिक पहलुओं को दर्शाता है.

सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी का रखें ध्यान

जहां यह ट्रेंड आत्म-अभिव्यक्ति का नया तरीका बनता जा रहा है, वहीं इसके साथ सुरक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी भी जरूरी है. कई जगहों पर चलती गाड़ी के ऊपर यह ट्रेंड करते देखा गया. जिस पर कार्यवाई भी की गयी. इस प्रकार से ट्रेंड को फॉलो करने से बचें. बल्कि उसके सकारात्मक पहलुओं को अपनाएं.

ईमानदारी और आंतरिक संतुलन के साथ जीते हैं तो खुद झलकती है ऑरा

विशेष आभा वाले लोग स्वाभाविक रूप से ध्यान आकर्षित करते हैं. इसलिए नहीं कि वह दूसरों से अलग दिखने की कोशिश करते हैं, बल्कि इसलिए कि वे अपने मूल्यों के प्रति सच्चे रहते हैं. ऑरा कोई परफ्यूम नहीं है जो लगाते ही लोग खिंचे चले आएं. यह तब आता है जब इंसान अपनी असली सोच और असली जिंदगी जीता है. जितना ज्यादा इसे बनाने की कोशिश होंगे, उतना ही नकली लगेगा. असलियत में ही असली चार्म छुपा होता है. जब हम ईमानदारी और आंतरिक संतुलन के साथ जीते हैं, तो आभा अपने आप प्रकट हो जाती है.

गौरव मराठे, प्रोफेसर, आइआइएम रांची

ट्रेंड के सकारात्मक पहलू को अपनाएं, ताकि व्यक्तित्व में आए निखारबदलते वक्त के साथ नयी जेनरेशन यानी जेन जेड अपने नये अंदाज से सबका ध्यान खिंचते हैं. ओल्ड स्कूल वाइब से निकल कर लोग ऑरा फार्मिंग की ओर जा रहे हैं. चाहे कपड़े हो या लाइफस्टाइल. बात करने की भाषा से लेकर सोच में बदलाव आ रहा है. नयी जेनरेशन को नये ट्रेंड के सकारात्मक पहलुओं को अपनाना चाहिए. जिससे उनके व्यक्तित्व में निखार आए.

अमनप्रीत, सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर

नये जेनरेशन में बातचीत करने का एक सलीकाऑरा फार्मिंग पर आज चर्चा हो रही है. वह हमेशा से है, बदलते समय के साथ कभी वाइब तो कभी प्रेजेंस जैसे अलग अलग नाम दिये गये. अब इसे ऑरा फार्मिंग कहा जा रहा है, जो नये जेनरेशन में बातचीत करने का एक तरीका है. वह भी मस्ती के अंदाज में. सोशल मीडिया पर ऑरा प्वाइंटस दिये जाते हैं. इसके माध्यम से एक-दूसरे को आंका जाता है. ऑरा या प्रेजेंस करियर में काफी महत्वपूर्ण होता है. आसपास कैसी एनर्जी है यह मायने रखता है.

परनिका सिंह, छात्रा

यह एक मजेदार भाषा हैऑरा फार्मिंग को लेकर अलग-अलग लोगों का अलग-अलग दृष्टिकोण है. मेरे अनुसार यह एक बोलचाल की भाषा है. अपने दाेस्तों के बीच करते हैं. इसमें किसी को देखकर कहते हैं ऑरा प्लस या ऑरा माइनस हो गया. यह एक मजेदार भाषा (फन लैंग्वैज) है. ऑरा एक प्रकार की एनर्जी होती है, जिसे महसूस किया जा सकता है. कई लोग इसे दिखावा करने वाले लोगों के लिए भी इस्तेमाल करते हैं.

खदीजा जुहैरा, छात्रा

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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