रांची. आइबीएस कोलकाता की ग्रूमिंग स्पीकर प्रो शरबरी साहा ने कहा है कि व्यक्ति का पहला इंप्रेशन ही आखिरी इंप्रेशन होता है. कैंपस और कॉरपोरेट दोनों अलग होते हैं. आज के समय में कैंपस में पैसा देते हैं, तब सीखते हैं और कॉरपोरेट में सीखते हैं और कमाते भी हैं. कैंपस में अपने भविष्य के लिए फाउंडेशन बनाना पड़ता है, जबकि कॉरपोरेट में पैसा कमाने का सोच होता है. कैंपस में स्टूडेंट आजाद होते हैं इंजॉय करने के लिए, लेकिन कॉरपोरेट में इंप्लाई को ज्यादा रिस्पॉन्सबल होना होता है. प्रो साहा शनिवार को डोरंडा कॉलेज में आइक्यूएसी व इनेक्टस सोसाइटी के तत्वावधान में इक्फाई बिजनेस स्कूल के स्टूडेंट डेवलपमेंट प्रोग्राम ‘ऑन कैंपस टू कॉरपोरेट’ के तहत आयोजित कार्यक्रम में बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि हम लोग आज के समय में दूसरों को जज करते हैं और अपने आप को कभी जज नहीं करते हैं. यह हमारी जिंदगी में नेगेटिव होता है. प्रो साहा ने कहा कि आज के समय में कम्युनिकेशन में तीन चीजें (बॉडी लैंग्वेज, टोन और वर्ड) होती हैं. मंच संचालन स्नेहा शाह ने किया. इस अवसर पर डॉ मंजू लाल, डॉ शिल्पी सिंह, डॉ निविदा, डॉ मलय भारती, डॉ पप्पू रजक, डॉ कंचन मुंडा, डॉ नीतेश राज, डॉ योगेश कुमार, डॉ अमरनाथ कुमार, सादाब अहमद, डॉ रंजय, प्रियंका कुमारी, अवधेश कुमार, अंशुमान मिश्रा, पूनम कुमारी, ममता कुमारी आदि उपस्थित थे.
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