रांची. मुख्य सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने बोकारो स्टील प्लांट प्रबंधन को स्थानीय लोगों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए काम करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सेल के चेयरमैन, विभिन्न विभागों के सचिवों और बोकारो जिला प्रशासन के साथ सोमवार को बैठक की. श्रीमती तिवारी ने कंपनी को लगातार पारदर्शी संवाद कायम कर काम करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि अड़चनों या मसलों का समाधान समन्वय बनाकर करें. पूरी प्रक्रिया में स्थानीय लोगों की भावनाओं का भी ख्याल रखें. यह सुनिश्चित करना होगा कि बोकारो के लोग यह नहीं महसूस करें कि वह पीछे छूट रहे हैं. श्रीमती तिवारी ने कहा कि सेल जिन युवाओं को विभिन्न ट्रेड में प्रशिक्षित करता है, उनको रोजगार दिलाने पर भी फोकस करे. उन्होंने व्यवस्थित ढंग से बसे बोकारो स्टील सिटी को भी देश के टॉप टेन शहरों में लाने का प्रयास करने का आह्वान किया. बोकारो डीसी ने शहर को टॉप सिटी बनाने की योजना पेश की. सेल के चेयरमैन ने इसमें पूरा सहयोग देने की बात कही. उन्होंने कहा कि बोकारो में अतिक्रमण बड़ा मसला है. 1932 एकड़ से अधिक जमीन पर अतिक्रमण है. इसी वजह से समस्या होती है. इस दौरान बोकारो स्टील सिटी द्वारा 756.94 एकड़ वन भूमि वन विभाग को लौटाने पर भी चर्चा की गयी. सेल उक्त भूमि को लौटाने की सहमति दे चुका है, लेकिन अब तक इस पर क्रियान्वयन नहीं हुआ है. मुख्य सचिव ने सेल और वन विभाग को टीम बनाकर उक्त जमीन का नक्शा बनाने का निर्देश दिया.
20 गांवों के पुनर्गठन से जुड़े कार्यों की जानकारी ली
मौके पर मुख्य सचिव ने पुनर्वास से वंचित 20 गांवों के पुनर्गठन से जुड़े कार्यों की जानकारी ली. बोकारो डीसी अजयनाथ झा ने बताया कि वहां के निवासियों को मूलभूत अधिकार देने के लिये जिला पंचायती राज विभाग ने चास प्रखंड की नौ पंचायतों के पुनर्गठन का प्रस्ताव दिया है. लेकिन सेल इसके लिये तैयार नहीं हो रहा है. सेल के चेयरमैन अमरेंद्र प्रकाश ने कहा कि कंपनी की मंशा किसी को उजाड़ने की नहीं है. बोकारो स्टील सिटी की जिस अधिग्रहित जमीन पर विस्तार की कोई गुंजाइश नहीं है, उस जमीन पर प्रशासन सरकारी मकान बनाकर लोगों को बसाये. मुख्य सचिव ने बोकारो डीसी को इस पर आगे बढ़ने का निर्देश दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है