Shibu Soren: झारखंड के दिग्गज राजनेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संरक्षक शिबू सोरेन का निधन राजनीतिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति है. ‘गुरुजी’ के नाम से लोकप्रिय सोरेन झारखंड के राज्य आंदोलन और आदिवासी राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक रहे. उन्होंने तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री के रूप में सेवाएं दीं. उनका निधन झारखंड की राजनीति में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है. 4 अगस्त की सुबह दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में उन्होंने जीवन की आखिरी सांसें लीं. उनके निधन पर झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने दुख व्यक्त करते हुए इसे अपूरणीय क्षति बताया.
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झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक संरक्षक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का निधन पार्टी, झारखंड राज्य एवं समस्त देश के आदिवासी मूलवासी, शोषित, दलित, मजदूर, किसान, महिला व जान समुदाय के लिए हिमालय स्खलन है. गुरु जी ने अपने जीवन कल में धारा के विपरीत जा कर संघर्ष किया और कभी भी पराजित नहीं हुए.
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गुरूजी के संघर्षपूर्ण जीवन को आत्मसात करते हुए देश के दबे कुचले समाज ने अपनी पहचान सम्मान तथा अधिकार प्राप्त किया. गुरूजी ने हमेशा अज्ञानता क विरूद्ध पढ़ाई, शोषण के विरुद्ध लड़ाई तथा सम्मान पूर्ण जीवन यापन के लिए संघर्ष करने का राह दिखाया. गुरूजी शारीरिक तौर पर पार्टी के साथ अब नहीं रहे लेकिन उनकी शिक्षा पार्टी के हर सदस्य को जीवन के कठिन परिस्थितियों में भी पराजय को स्वीकार ना करने के प्रण के साथ एक आधार की तरह कठोर स्तम्भ बन कर कायम रहेगा.
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