खलारी. शास्त्रों के अनुसार सावन में भगवान शिव पृथ्वी पर आकर भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं. यही नहीं इस समय पूरी सृष्टि का संचालन भी स्वयं महादेव करते हैं, इसलिए प्रभु को प्रसन्न करने के लिए शिवालयों में भव्य पूजन किया जाता है. इसी के तहत खलारी प्रखंड की चुरी दक्षिणी पंचायत के ग्राम होयर में स्थित विशेश्वर नाथ शिव मंदिर में वृंदावन धाम से पधारे योगाचार्य अनिल शास्त्री एवं भागवत आचार्य स्वामी श्री वेद प्रकाश आचार्य ने बताया कि भगवान शिव कल्याणकारी हैं और हमेशा जगत का कल्याण ही करते हैं. शिव का मतलब ही है, जिसे प्रेम, तपस्या, भक्ति और शिव भक्ति का प्रतीक माना जाता है. यह भोलेनाथ का प्रिय महीना है, जिसमें पूजा-पाठ, दान-दक्षिणा समेत अन्य पुण्य कार्य करने का फल अवश्य प्राप्त होता है. सावन का महीना भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक सुनहरा अवसर है. भगवान शिव की भक्ति और उनके महत्व पर संदेश दिया है. उन्होंने कहा है कि यह महीना भगवान शिव को समर्पित है और इस दौरान शिव की पूजा-अर्चना करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं. भक्तों को श्रावण के महीने में शिव की भक्ति में लीन होने और उनके नाम का जाप करने की सलाह दी है. भक्तों को इस महीने में शिव की पूजा, भजन-कीर्तन और मंत्रों का जाप करने की सलाह देते हुए कहा कि सावन के महीने में सकारात्मक सोच और व्यवहार रखना चाहिए. शिव भक्तों को क्रोध, ईर्ष्या और द्वेष जैसी नकारात्मक भावनाओं से दूर रहने की सलाह देने, क्षमा महत्व, क्षमा करने और अपने मन को शांत रखने की सलाह दी है. अंत मे उन्होंने कहा कि श्रावण तो विशेष भगवान शिव की आराधना के लिए ही है, क्योंकि श्रावण के महीने में पूर्णिमा को श्रावण नक्षत्र पड़ता है, इसलिए भगवान शिव की आराधना के लिए श्रावण नक्षत्र विशेष है.
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