सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाइकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया रांची. सुप्रीम कोर्ट ने पद रिक्ति की तिथि से शिक्षकों को भूतलक्षी प्रभाव से प्रोन्नति के मामले में झारखंड सरकार की ओर से दायर स्पेशल लीव पिटीशन (एसएलपी) पर सुनवाई की. सोमवार को जस्टिस विक्रम नाथ व जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान झारखंड सरकार का पक्ष सुना. सुनवाई पूरी होने के बाद पीठ ने एसएलपी को खारिज कर दिया. पीठ ने कहा कि वह झारखंड हाइकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है. हाइकोर्ट के आदेश को बरकरार रखते हुए एसएलपी खारिज कर दिया. उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार ने एसएलपी दायर कर झारखंड हाइकोर्ट के आठ फरवरी 2024 के आदेश को चुनाैती दी थी. शिक्षकों के विलंबित प्रोन्नति से उत्पन्न स्थिति में पद रिक्ति की तिथि से भूतलक्षी प्रोन्नति देने के मामले में हाइकोर्ट ने राज्य सरकार की अपील याचिका को खारिज कर दिया था. रांची जिले के शिक्षक दिनेश कुमार साहू एवं अन्य की याचिका पर एकल पीठ ने आदेश दिया था, जिसे राज्य सरकार ने अपील याचिका दायर कर चुनाैती दी थी. अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले को न्याय की जीत बतायी है. संघ ने कहा कि इस निर्णय से शिक्षकों की प्रोन्नति का रास्ता साफ हो गया है.
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