रांची. छोटानागपुर में बालिकाओं का दूसरा सबसे पुराना स्कूल संत मार्गरेट बालिका उच्च विद्यालय रविवार को अपना 140वां स्थापना दिवस मनायेगा. संत पॉल्स कैथेड्रल में स्कूल के लिए सुबह की विशेष आराधना होगी. इससे पूर्व शनिवार को संत पॉल्स कैथेड्रल में जागरण विधि की गयी. प्राचार्य सारिका शॉ, शिक्षिकाएं और बड़ी संख्या में छात्राएं शामिल हुईं. एंग्लिकन मिशनरियों ने बहुबाजार के पास इस स्कूल की स्थापना वर्ष 1885 में की थी. स्कूल का नामकरण संत मार्गरेट के नाम पर हुआ. स्कूल का दो मंजिला भवन आज भी काफी मजबूत है. स्कूल का भवन अंग्रेजी के ”एच” लेटर की तरह है. सामने के हिस्से में एक शानदार बगीचा है. पीछे विशाल मैदान है, जिसमें खास अवसरों पर कार्यक्रम होते हैं. प्राचार्य बताती हैं प्रथम और द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान स्कूल को अंग्रेजों ने अस्पताल के रूप में इस्तेमाल किया था. स्कूल द्वारा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 20 जुलाई 1940 को वार रिलीफ के लिए 120 रुपये का चंदा इकट्ठा किया गया था. 1940 में ही टंगटंगटोली स्कूल की सहायता के लिए इस स्कूल ने 364 रुपये चंदा इकट्ठा कर दिया था.
मंत्री केबी सहाय ने किया था झंडोत्तोलन
संयुक्त बिहार में 15 अगस्त 1951 को तत्कालीन राजस्व मंत्री केबी सहाय स्कूल पहुंचे और झंडोत्तोलन किया था. पूर्व कई एंग्लिकन बिशप, अंग्रेज पदाधिकारी इस स्कूल का दौरा कर चुके थे. प्राचार्य बताती हैं कि 1950 में स्कूल में बड़े पैमाने पर पौधरोपण किया गया था. आज स्कूल में जो विशाल पेड़ और हरियाली दिखते हैं यह उसी समय की देन है.
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