रांची. इप्टा रांची के तत्वावधान में रविवार को यूनियन क्लब में सआदत हसन मंटो की कहानी पर आधारित नाटक टोबा टेक सिंह का मंचन किया गया. इस नाटक में डॉक्टर की भूमिका सुमेधा मलिक, फौजी की भूमिका प्रशांत, वकील के रूप में पीयूष, प्रोफेसर अंजलि, चना वाला सौरभ, नर्तकी ऐश्वर्या, कवयित्री आस्था, चपरासी रोशन, फजल की भूमिका विहान शाश्वत और मुलाकाती की भूमिका एगनेटिश ने निभायी. इन कलाकारों ने जीवंत अभिनय से किरदारों को जीवंत कर दिया. यह नाटक भारत के विभाजन के बाद लाहौर के पागलखाने में बंद पागलों की अदला-बदली पर आधारित है, जो बेतुके विभाजन पर व्यंग्य करती है. कहानी का मुख्य पात्र बिशन सिंह है, जो टोबा टेक सिंह नामक शहर से है. वह पागलखाने में बंद है. भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने पागलखाने में बंद पागलों की अदला-बदली करने का फैसला किया, जिसमें बिशन सिंह को भी भारत भेजा जाना था. बिशन सिंह को जब पता चला है कि उसका शहर टोबा टेक सिंह अब पाकिस्तान में है, तो वह जाने से इंकार कर देता है और चिल्लाता है कि टोबा टेक सिंह कहां है? भारत में या पाकिस्तान में? नाटक का निर्देशन इप्टा रांची जिला सचिव सुमेधा मल्लिक ने किया. इस अवसर पर इप्टा झारखंड के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष श्यामल मलिक, प्रदीप तरफदार, श्यामल चक्रवर्ती सोंटा, अधिवक्ता कलाम रशीदी, अजय सिंह, प्रवीण कर्मकार, परवेज कुरैशी सहित अन्य उपस्थित थे.
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