रांची. झारखंड रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट एसोसिएशन और झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के नेतृत्व में छात्रों ने झारखंड स्टेट फार्मेसी काउंसिल के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. वे सभी काउंसिल सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद से उसका पुनर्गठन करने और रजिस्ट्रार सहित अन्य रिक्त पदों पर स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे थे. छात्रों के प्रदर्शन की वजह से दोपहर तक काउंसिल भवन खाली हो गया था. जेआरपीए और जेएलकेएम कार्यकर्ताओं ने कार्यकाल समाप्त होने के बावजूद निबंधक द्वारा पंजीकरण जारी करने को लेकर गंभीर सवाल उठाये. संगठन ने काउंसिल में हो रही प्रशासनिक अनियमितताओं को लेकर जमकर नारेबाजी की और दोषी अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को लेकर किसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की. बता दें कि काउंसिल के निबंधक सह सचिव पद पर प्रशांत कुमार पांडे की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा 14 अक्तूबर 2024 को निर्गत आदेश के बाद अस्थायी तौर पर छह महीने के कार्यकाल के लिए की गयी थी, जो 13 अप्रैल 2025 को समाप्त हो चुकी है. प्रदर्शनकारी इसी बात का विरोध कर रहे थे. साथ ही मामले को लेकर राज्य स्तर पर आंदोलन चलाने और न्यायालय की शरण में जाने की बात कही. जेआरपीए का कहना है कि श्री पांडे अभी भी निबंधक पद पर बने हुए हैं और 15 अप्रैल 2025 को फार्मासिस्ट पंजीकरण संख्या 13259 (सुमित कुमार) समेत कई फार्मासिस्टों का पंजीकरण प्रमाणपत्र जारी किये गये हैं. यह फार्मेसी एक्ट 1948 एवं प्रशासनिक प्रक्रिया का घोर उल्लंघन है.
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