रांची. झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान ने नये सत्र के विद्यार्थियों को खूब मन लगाकर पढ़ने और नियमित क्लास करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि शिक्षकों का मार्गदर्शन काफी जरूरी होता है, क्योंकि, कानून की शिक्षा अन्य शिक्षा से काफी अलग है. न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान शनिवार को नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ (एनयूएसआरएल) में नये सत्र के विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मेरे अभिभावक ने मुझे बेहतर शिक्षा देने की हिम्मत दिखायी, मेरा जन्म एक ग्रामीण परिवेश में हुआ लेकिन अपने अभिभावकों के विश्वास की वजह से ही आज मैं यहां हूं. उन्होंने कहा कि यह पेशा समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने का अवसर देता है, जो अत्यंत गौरवशाली है. उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि लॉ कुछ नहीं बल्कि कॉमनसेंस है. आप एक कॉमन मैन की तरह सोचेंगे तो आपको समझ में आ जायेगा.
आपके फैसले से घर बसते भी हैं और बिखरते भी हैं : नीलेंदु कुमार
मौके पर सीसीएल सीएमडी नीलेंदु कुमार सिंह ने कहा कि यह समय आपके जीवन का सुनहरा पल है. पूरे मन से अध्ययन करें. सफलता के लिए कानून की जानकारी होना जरूरी है. तभी आप किसी को न्याय दिला पायेंगे. क्योंकि आपके फैसले से घर बसते भी हैं और बिखरते भी हैं.संविधान केवल लिखित कानून नहीं, आशाओं का प्रतिबिंब है: महाधिवक्ता
वहीं, झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि संविधान केवल लिखित कानून नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आशाओं का भी प्रतिबिंब है. न्यायालय में प्रवेश करते ही लोगों की आशाएं आपके साथ होती हैं. एक सफल वकील वह नहीं होता जिसने ज्यादा केस जीते हों, सफल वही है जो लोगों की आशाओं पर खरा उतरता है.अपनी मेहनत पर विश्वास रखिये : न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद
झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सुजीत नारायण प्रसाद ने कहा कि न्यायपालिका का कार्य चुनौतीपूर्ण है, परंतु यदि आप में त्याग, चुनौतियों से जूझने का साहस और कड़ी मेहनत करने को लेकर संकल्पित हैं, तो आपने सही पथ चुना है. अपनी मेहनत पर विश्वास रखिये.आप देश की अनमोल धरोहर हैं: मुख्य सचिव
राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा कि वकालत एक उत्कृष्ट पेशा है. आप देश की अनमोल धरोहर हैं. कठिन परिश्रम के साथ-साथ अपने कार्य में आनंद को ढूंढें. उन्होंने विद्यार्थियों को सलाह दी कि स्वयं को भटकाव से बचायें, विशेषकर सोशल मीडिया की लत से. विधि अध्ययन में नवीनतम जानकारी से अपडेट रहना बहुत जरूरी है. वहीं, लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो (डॉ) अशोक आर पाटिल ने यूनिवर्सिटी की उपलब्धियों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि आप अब एनयूएसआरएल परिवार का हिस्सा हैं. मौके पर नये सत्र के विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के अलावा यूनिवर्सिटी के सारे फैकल्टी मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है