रांची. माकपा नेता सुभाष मुंडा हत्याकांड के आरोपियों की जमानत कई सवाल खड़े करती है. जिस तरह से अपराधियों के खिलाफ जांच की गयी, वह लापरवाही या फिर किसी गहरी साजिश की तरफ इशारा करती है. उक्त बातें माकपा की वरिष्ठ नेता वृंदा करात ने कही. वह दलादिली में युवा नेता सुभाष मुंडा की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि सुभाष मुंडा युवाओं के एक लोकप्रिय सिंबल थे. वे असामाजिक तत्वों के साथ संघर्ष के बाद यहां के जमीन माफियाओं की आंखों की किरकिरी बन गये थे और उन्हीं लोगों के इशारे पर उनकी निर्मम हत्या कर दी गयी.
एसआइटी इस हत्याकांड की गुत्थी आज तक नहीं सुलझा सकी है
उन्होंने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि एसआइटी इस हत्याकांड की गुत्थी आज तक नहीं सुलझा सकी है. हत्याकांड के बाद पुलिस द्वारा पकड़े गये आरोपियों को ठोस साक्ष्य के अभाव में जमानत भी मिल गयी. वृंदा करात ने भरोसा दिया कि जल्द ही पार्टी का एक शिष्टमंडल राज्य के गृह सचिव से मिलकर इस हत्याकांड के साजिशकर्ताओं को सजा दिलाने के लिए हस्तक्षेप की मांग करेगा. मौके पर पार्टी राज्य सचिव प्रकाश विप्लव, मदुआ कच्छप, सुभाष मुंडा की पत्नी कृति सिंह मुंडा, पिता व पूर्व मुखिया ललित मुंडा, माता छोटन देवी, प्रफुल्ल लिंडा, सुफल महतो, अजय तिर्की, जय गोविंद मुंडा, कपिल महतो, बुधराम उरांव आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है