22.8 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Success Story: पति थे ड्राइवर, खुद करती थीं सिलाई, लेकिन इस ट्रेनिंग से अब लाखों कमा रही हैं संध्या

Success Story: संध्या देवी सिलाई करती थीं. उनके पति ड्राइवर थे. अच्छी आय नहीं होने के कारण परिवार चलाने में आर्थिक परेशानी होती थी. महिला समूह से जुड़ने के बाद वह ट्रेनिंग लीं और लोन लेकर रेडीमेड गार्मेंट शॉप खोल लीं. हर महीने एक लाख से अधिक कमाती हैं. पलामू के संध्या देवी आज लखपति हैं.

Success Story: रांची-झारखंड के पलामू जिले के छत्तरपुर प्रखंड के छत्तरपुर गांव की संध्या देवी साधारण परिवार से हैं. वह सिलाई का काम कर पहले थोड़ा बहुत कमा लेती थीं. उनके पति लाइट कमर्शियल वाहन के ड्राइवर थे. पूरा परिवार उनकी कमाई पर निर्भर था. परिवार का गुजारा मुश्किल से हो पाता था. पार्वती सखी मंडल के बारे में उन्हें जानकारी मिली और वह जुड़ गयीं. बचत और आजीविका की गतिविधियों की जानकारी मिलने के बाद उनकी जिंदगी धीरे-धीरे संवरने लगी. आज वह लखपति दीदी हैं. इलाके में उनकी अपनी पहचान है.

रेडीमेड दुकान से कर रहीं अच्छी आमदनी

2018-19 की बात है. संध्या देवी के समूह में स्टार्टअप विलेज एंटरप्रेन्योरशिप प्रोग्राम (SVEP) शुरू हुआ तो उन्होंने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने की ट्रेनिंग ली. चूंकि वह पहले से सिलाई का काम कर रही थीं. इसलिए उन्होंने अपने घर पर रेडीमेड गार्मेंट शॉप खोलने का फैसला किया. SVEP प्रोजेक्ट के तहत उन्होंने 50,000 रुपये का लोन लिया और 50,000 रुपये का लोन अपने एसएचजी से लेकर छोटी दुकान शुरू की. जैसे-जैसे उनका काम बढ़ा, उन्होंने बैंक से 1.5 लाख रुपए का और लोन लिया और शादी से जुड़ी चीजें भी बेचनी शुरू कर दीं. अब वह दिल्ली और रांची से सामान मंगवाती हैं. आज संध्या देवी रोजाना 3,000 से 4,000 रुपए कमा रही हैं और हर महीने 1 लाख रुपए से ज्यादा की आमदनी कर रही हैं. इस काम में उनके पति और बेटे भी मदद करते हैं.

Success Story: कभी चूल्हा-चौका संभालती थीं प्रीति देवी, आज हैं लखपति, कैसे बदली जिंदगी?

Success Story: रेशम की खेती से चमकी महिला किसान की किस्मत, लखपति बिलासी सोय मुर्मू कैसे फर्श से अर्श पर पहुंचीं?

बड़ी दुकान खोलने का सपना हुआ पूरा-संध्या देवी


संध्या देवी कहती हैं कि ट्रेनिंग के दौरान उनका सपना था कि वह एक बड़ी दुकान खोलें. आज वह सपना पूरा हो गया. अगर वह एसएचजी से नहीं जुड़तीं और ट्रेनिंग नहीं मिलती तो ये काम मुश्किल था. SVEP प्रोजेक्ट और लोन की मदद से उनकी जिंदगी रोशन हो गयी. आज उनकी अपनी पहचान है.

पढ़ें प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी: Women’s Day 2025 : मुस्लिम समाज देता है महिलाओं को संपत्ति पर हक, लेकिन बेटों के मुकाबले मिलता है आधा

Success Story: कभी दो वक्त रोटी के लिए थीं मोहताज, खेतीबाड़ी की इस तकनीक से बदली किस्मत, शीला उरांव की कमाई पर नहीं होगा यकीन

Success Story: कभी एक-एक रुपए के लिए थीं मोहताज, मजदूरी से करने लगीं कारोबार, उद्यमी रीना देवी ऐसे बन गयीं लखपति


Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel