23.1 C
Ranchi

लेटेस्ट वीडियो

Success Story: महिला समूह से मिली आर्थिक ताकत, मंईयां सम्मान के पैसे से बढ़ा हौसला, ऐसे लखपति बन गयीं सावित्री

Success Story: सावित्री कुमारी आज लखपति हैं. कभी सिर्फ ख‍ेतीबाड़ी पर उनका परिवार निर्भर था, लेकिन महिला समूह ने उन्हें आर्थिक मजबूती दी. मंईयां सम्मान योजना के पैसे से उनका हौसला बढ़ा और अब वह खेतीबाड़ी के साथ-साथ सूकर पालन, मछली पालन एवं बत्तख पालन कर रही हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. परिवार के साथ खुशहाल जीवन जी रही हैं.

Success Story: रांची-एक वक्त था, जब सावित्री कुमारी का परिवार केवल खेतीबाड़ी करता था. इससे किसी तरह परिवार का गुजारा होता था. महिला समूह से जुड़ने के बाद सावित्री की जिंदगी बदल गयी. खेती की आधुनिक तकनीक की जानकारी मिलने के बाद उन्हें अच्छी उपज प्राप्त होने लगी. इससे अच्छी आमदनी होने लगी. फिर मंईयां सम्मान योजना ने उन्हें आत्मनिर्भरता की ऊंची उड़ान दी. खेतीबाड़ी, सूकर पालन, मछली पालन एवं बत्तख पालन से वह खुशहाल जीवन जी रही हैं. आज वह लखपति दीदी हैं.

महिला समूह ने दी आर्थिक ताकत

पेरतोल गांव की सावित्री कुमारी का परिवार पहले सिर्फ खेती पर निर्भर था. शीतल महिला समूह से जुड़ने के बाद सावित्री की जिंदगी में कई सकारात्मक बदलाव आए. वह बताती हैं कि महिला समूह से जुड़ने के बाद उन्हें खेती की आधुनिक तकनीकों की जानकारी मिली. इसका लाभ उन्हें खेती में मिला. वे मड़ुआ एवं उरद जैसी पारंपरिक और पौष्टिक दलहन फसलों को उगाती हैं. इससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है. सावित्री कुमारी न सिर्फ खेती करती हैं, बल्कि सूकर पालन एवं मछली पालन भी करती हैं. इससे उनकी आमदनी बढ़ी है.

ये भी पढ़ें: पंचतत्व में विलीन हुए दिशोम गुरु, राजकीय सम्मान के साथ नेमरा में हुआ अंतिम संस्कार, अंतिम जोहार कहने उमड़ा जनसैलाब

मंईयां योजना से बढ़ा हौसला

झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (मंईयां योजना) के तहत जब सावित्री कुमारी को सम्मान राशि मिली तो उनका हौसला और बढ़ा. इसके बाद उन्होंने बत्तख पालन की भी शुरुआत की है. आजीविका के कई साधनों से उनकी आमदनी पहले से बढ़ गयी है. वह सालाना करीब 3 से 4 लाख रुपए कमा ले रही हैं. अब उनकी अपनी पहचान है. वह लखपति दीदी के रूप में जानी जाती हैं.

ये भी पढ़ें: Bharat Ratna: ‘दिशोम गुरु शिबू सोरेन को दें भारत रत्न’ हेमंत सोरेन के मंत्री ने केंद्र सरकार से की ये मांग

Guru Swarup Mishra
Guru Swarup Mishrahttps://www.prabhatkhabar.com/
मैं गुरुस्वरूप मिश्रा. फिलवक्त डिजिटल मीडिया में कार्यरत. वर्ष 2008 से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से पत्रकारिता की शुरुआत. आकाशवाणी रांची में आकस्मिक समाचार वाचक रहा. प्रिंट मीडिया (हिन्दुस्तान और पंचायतनामा) में फील्ड रिपोर्टिंग की. दैनिक भास्कर के लिए फ्रीलांसिंग. पत्रकारिता में डेढ़ दशक से अधिक का अनुभव. रांची विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में एमए. 2020 और 2022 में लाडली मीडिया अवार्ड.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

संबंधित ख़बरें

Trending News

जरूर पढ़ें

वायरल खबरें

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel