रांची. वर्तमान समय में शुगर फ्री काफी प्रचलन में है, लेकिन यह सुरक्षित है या नहीं इसपर चर्चा नहीं होती है. शुगर फ्री को चीनी के विकल्प के रूप में लाया गया था. मकसद था कि इसमें कोई कैलोरी नहीं है, जिससे वजन नहीं बढ़ेगा. जबकि शुगर फ्री के उपयोग से शुगर का स्तर तो नहीं बढ़ता है, लेकिन भूख ज्यादा लगती है. नतीजा हम ज्यादा कैलोरी लेने लगते हैं. इससे वजन बढ़ जाता है. उक्त बातें श्रीनगर से आये डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ एके सिंह ने कही. वह शनिवार को नगड़ाटोली स्थित स्वर्णभूमि बैंक्वेट हॉल में रिसर्च सोसाइटी फॉर स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया (आरएसएसडीआइ) के सेमिनार के अंतिम दिन बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि शुगर फ्री का बहुत बड़ा बाजार है, लेकिन इसे हटाया भी नहीं जा सकता है. यह भी स्पष्ट नहीं है कि शुगर फ्री लेने से हार्ट, स्ट्रोक और अन्य समस्या नहीं होगी. ऐसे में डायबिटीज के मरीजों को शुगर फ्री कम लेना चाहिए. बाजार में छह से ज्यादा शुगर फ्री है, लेकिन इसमें स्टीबिया से निर्मित शुगर फ्री नेचुरल है. बावजूद स्टीबिया का शुगर फ्री भी कम लेना चाहिए, क्योंकि यह भी भूख बढ़ायेगा. टाटा मेमोरियल के चीफ डाइटिशियन शिवशंकर तिम्मनप्याति ने कहा कि कैंसर व डायबिटीज की बीमारी लाइफ स्टाइल की है, जिसमें मोटापा बहुत ज्यादा सहभागिता का काम करता है. फैट और कार्बोहाइड्रेट का उपयोग बढ़ा है, जो मोटापा को बढ़ाने का काम करता है. कोलेन कैंसर (पैखाना का कैंसर) की संभावना बढ़ी है. इससे बचने के लिए मैदा और चीनी नहीं खाये. साग, सब्जी और फल से शुगर बहुत धीमी गति से बढ़ता है. वहीं, मैदा और चीनी के उत्पाद से शुगर का लेवल तेजी से बढ़ता है. सेमिनार को सफल बनाने में डॉ वीके ढांढनिया, डॉ अजय छाबड़ा, डॉ डीके सिंह, डॉ रश्मि सिन्हा, डॉ नुपूर वाणी, डॉ मनोज बदानी, डॉ गगन गुंजन और डॉ विनीत जगनानी का सहयोग रहा.शुगर जान लेने वाली बीमारी, लेकिन जीना अपने हाथ मेंं
लीलावती अस्पताल के डायबिटीज विशेषज्ञ डॉ विजय पानीकर ने कहा कि डायबिटीज लाइफ स्टाइल की बीमारी है, जो एक बार हो जाये, तो जीवन के साथ ही जायेगी. यह हमारे सभी अंगों को प्रभावित कर देती है और जल्दी जान लेने का रास्ता भी तैयार करती है. पर जीना अपने हाथ में है. नियमित दवा, संयमित जीवनशैली और समय-समय पर जांच कराकर हम इससे बच सकते हैं. डरें नहीं, बस उसके साथ सामंजस्य बनाना है. 40 साल वाले शुगर के मरीज मेरे पास आते हैं, लेकिन वह पूरी तरह ठीक हैं. शुगर की दवा लेने वालों का शुगर स्तर खाली पेट 80 से 120 होना चाहिए और खाने के बाद 130 से 180. जबकि एचबीवनसी सात से कम होना चाहिए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है