कॉलेजों व पीजी विभाग में कार्यरत 2008 बैच के शिक्षक पहुंचे रांची विवि मुख्यालय
विशेष संवाददाता
रांची. रांची विवि अंतर्गत विभिन्न कॉलेजों व स्नातकोत्तर विभागों में कार्यरत 2008 बैच के असिस्टेंट प्रोफेसर पिछले 17 वर्षों से नियमित प्रोन्नति नहीं मिलने से नाराज हैं. शुक्रवार को रांची विवि शिक्षक संघ व फुटाज के तत्वावधान में सभी शिक्षक रांची विवि मुख्यालय पहुंचे और कुलपति से प्रोन्नति प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पहल करने का आग्रह किया. शिक्षकों ने कहा कि 17 वर्षों की लंबी सेवा पूरी करने के बाद भी अब तक उन्हें एक भी एजीपी का लाभ नहीं मिला है. शिक्षकों ने कहा कि यूजीसी के 2010 विनियम और झारखंड सरकार के 15 दिसंबर 2022 के अधिसूचित प्रोन्नति नियमों के तहत 2008 बैच के शिक्षक 2012-2014 के बीच ही प्रथम प्रोन्नति के पात्र हो चुके थे. 2023 में प्रोन्नति के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ की गयी, लेकिन इस प्रक्रिया को शुरू हुए दो वर्ष बीत जाने के बाद भी अब तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका है. प्रोन्नति से संबंधित आवेदन विवि व जेपीएससी में पड़े हुए हैं. जेपीएससी और विवि प्रशासन की धीमी कार्यप्रणाली के कारण हजारों शिक्षक पदोन्नति से वंचित हो गये हैं. प्रोन्नति प्रक्रिया लंबित रहने से इन शिक्षकों को आर्थिक लाभ, वेतन वृद्धि, पेंशन लाभ, वरिष्ठता व एकेडमिक पदोन्नति का लाभ भी नहीं मिल सका है. कुलपति से मिलनेवालों में डॉ राजकुमार, डॉ मोहित कुमार लाल, डॉ रीता कुमारी, डॉ नीलू सिंह, डॉ गीता सिंह, डॉ कुमुद कला मेहता, डॉ सविता मिश्रा, डॉ किरण कुमारी, डॉ मीरा कुमारी, डॉ कुमारी उर्वशी, डॉ सुनीता कुमारी, डॉ नियति कल्प, डॉ अशोक कुमार सिंह, डॉ श्वेता सिंह, डॉ दिलीप प्रसाद, डॉ सीमा प्रसाद, डॉ चैताली अधिकारी, डॉ ममता केरकेट्टा, डॉ शशिकांत टोप्पो, डॉ समीरा सिन्हा, डॉ रेणु, डॉ आशुतोष आदि शामिल थे.
कई शिक्षक सेवानिवृत्ति के कगार पर
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शिक्षकों ने कहा कि 2008 बैच के कई शिक्षक सेवानिवृत्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं, जबकि कई शिक्षक सेवानिवृत्त भी हो गये हैं. लेकिन समय पर प्रोन्नति और एजीपी वृद्धि का लाभ नहीं मिलने से उन्हें उच्च पेंशन और सेवा लाभ नहीं मिल सका है.
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