रांची. रामगढ़ थाना परिसर से आफताब अंसारी के रहस्यमय ढंग से गायब होने और मॉब लिंचिंग के आरोपों की जांच को लेकर कांग्रेस के अंदर ही रार है. प्रदेश कांग्रेस में ही इसको लेकर विवाद है. तीन दिन पहले प्रदेश कांग्रेस ने इस मामले में एक जांच कमेटी बनायी थी. प्रदेश स्तरीय जांच कमेटी पर पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग को ही भरोसा नहीं है. प्रदेश कांग्रेस ने विधायक दल के उपनेता राजेश कच्छप, प्रदीप तुलस्यान और राजेश गुप्ता छोटू को शामिल करते हुए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी. इस कमेटी में कोई अल्पसंख्यक नेता शामिल नहीं था. इधर, सोमवार को कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष मंजूर अंसारी ने अलग से पांच सदस्यीय जांच कमेटी बना दी है. इस कमेटी में विभाग के उपाध्यक्ष तनवीर आलम, महासचिव हसनैन आलम, महासचिव अरशद उल कादरी, प्रवक्ता जैतून कुमार जान, और सचिव तस्लीम अंसारी को कमेटी का सदस्य बनाया गया है.
तीन दिनों में जांच रिपोर्ट देने का निर्देश
इस कमेटी में मजेदार बात यह है कि इसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी में शामिल किसी अल्पसंख्यक नेता को जगह नहीं दी गयी है. इस पूरे प्रकरण में सक्रिय रहने वाले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर को न तो प्रदेश की जांच समिति और न ही अल्पसंख्यक विभाग की जांच समिति में शामिल किया गया है. अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष मंजूर अंसारी ने कमेटी को घटना स्थल का दौरा कर तीन दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
मंत्री इरफान ने उठाया था मामला
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने यह मामला उठाया था. उन्होंने कहा कि यह मामला केवल एक युवक का थाना से गायब होने का नहीं है. पुलिस हिरासत से गायब हुआ लड़का मृत पाया गया. यह इत्तेफाक नहीं है, सोची-समझी साजिश का हिस्सा है. मंत्री ने इसे मॉब-लिचिंग करार दिया. उन्होंने कहा कि यह राज्य भाजपा के कट्टर विचार से नहीं चलेगा. मंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे. कोई भी दोषी हो, उसपर कार्रवाई होनी चाहिए.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है