मूलभूत सुविधाओं का टोटा, नयी किताबें और प्रैक्टिस सेट्स का अभाव
रांची. रांची स्थित स्टेट लाइब्रेरी, जिसकी स्थापना वर्ष 1953 में हुई थी, आज बदहाल स्थिति में पहुंच चुकी है. कभी ज्ञान का केंद्र रही यह लाइब्रेरी अब अव्यवस्था और उपेक्षा की मिसाल बनती जा रही है. प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सैकड़ों छात्रों के लिए यह पुस्तकालय अब संघर्ष का केंद्र बन गया है. लाइब्रेरी में न तो प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित अद्यतन पुस्तकें उपलब्ध हैं और न ही करेंट अफेयर्स की पर्याप्त सामग्री. छात्रों का कहना है कि परीक्षा से पहले प्रैक्टिस सेट पेपर नहीं मिलते, जिससे उनकी तैयारी प्रभावित होती है. कई विद्यार्थियों ने बताया कि परीक्षा के बाद पुराने सेट्स उपलब्ध कराये जाते हैं, जिनका कोई उपयोग नहीं रह जाता.आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों पर असर
लाइब्रेरी में अध्ययन करने वाले अधिकतर छात्र आर्थिक रूप से कमजोर तबके से आते हैं. उनके लिए महंगी किताबें खरीदना संभव नहीं है. ऐसे में पुस्तकालय में संसाधनों की कमी उनकी तैयारी को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है.बाथरूम में गंदगी, बदबू से छात्रों को परेशानी
लाइब्रेरी के शौचालय की स्थिति अत्यंत दयनीय है. नालियां पूरी तरह जाम है और गंदगी के कारण पूरे परिसर में बदबू फैली रहती है. छात्रों ने बताया कि यूरिन भरी नालियों की सफाई महीनों से नहीं हुई है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ गया है. इधर, लाइब्रेरी परिसर में कई सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. लेकिन, उनकी दिशा ऐसी जगहों की ओर है, जहां निगरानी की जरूरत कम है. छात्र बताते हैं कि कुछ कैमरे पार्किंग क्षेत्र की ओर लगाये गये हैं, लेकिन उनका फोकस लाइब्रेरी के मुख्य भाग की ओर है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था महज औपचारिकता बनकर रह गयी है.जर्जर कुर्सियां और बैठने की अव्यवस्था
लाइब्रेरी में उपलब्ध अधिकांश कुर्सियां टूटी हुई हैं. कुछ को रस्सी और प्लास्टिक की डोरियों से किसी तरह जोड़ा गया है, तो कई कुर्सियों के गद्दे सड़ चुके हैं. इसके बावजूद छात्र विषम परिस्थितियों में अध्ययन करने को विवश हैं.नयी किताबों के लिए लिखा पत्र
नयी पुस्तकों की आपूर्ति के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है. कुछ आवश्यक किताबों की कमी है, जिसे शीघ्र दूर किया जायेगा. लाइब्रेरी में बिना अनुमति के प्रवेश कर रहे लोगों की पहचान की जा रही है और जल्द ही ऐसे लोगों के प्रवेश पर रोक लगायी जायेगी.विनय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है