रांची. राजधानी रांची के सदर अस्पताल में मंगलवार दोपहर एक मार्मिक दृश्य सामने आया, जब एक गर्भवती महिला ने इमरजेंसी के मुख्य गेट पर ही बच्ची को जन्म दिया. यह घटना उस समय हुई जब राज्य में 108 एंबुलेंस सेवा की हड़ताल के कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में भारी कठिनाई हो रही थी. प्रसव पीड़ा से तड़पती महिला को परिजन ई-रिक्शा (टुकटुक) से अस्पताल लेकर पहुंचे, क्योंकि एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी. अस्पताल पहुंचते-पहुंचते महिला की पीड़ा असहनीय हो गयी. मुख्य गेट पर तैनात सुपरवाइजर अजीत कुमार और ट्रॉली मैन सुमित खेस ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल प्रसूता को लेबर रूम तक पहुंचाने का प्रयास किया. ड्यूटी पर मौजूद नर्सों को भी तुरंत बुलाया गया. लेकिन दर्द इतना बढ़ चुका था कि महिला को अस्पताल के अंदर ले जाना संभव नहीं हो पाया. ऐसे में अस्पताल से कपड़ा लाकर सीढ़ी पर ही एक घेरा बनाया गया और वहीं प्रसव की प्रक्रिया शुरू हुई. कुछ ही देर में महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया. नर्सों ने तत्परता दिखाते हुए बच्ची की गर्भनाल काटी और प्रसूता को पहले लेबर रूम और फिर वार्ड में भर्ती कराया गया. अस्पताल सूत्रों के अनुसार, जच्चा और बच्चा दोनों की स्थिति फिलहाल स्वस्थ है. यह घटना न केवल एंबुलेंस सेवा की हड़ताल के प्रभाव को उजागर करती है, बल्कि अस्पताल कर्मियों की मानवीय संवेदनशीलता का भी उदाहरण है. हड़ताल के बीच जहां कई मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है, वहीं इस प्रसव ने व्यवस्था की खामियों पर सवाल खड़े कर दिये हैं.
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