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राज्य से पलायन रोकने के लिए नया मॉडल अपनाना होगा- बाबूलाल मरांडी

झारखंड से लाखों लोग पलायन कर बाहर रोजी-रोटी के लिए जाते है़ं कोरोना महामारी से उपजी परिस्थिति ने ऐसा संकट पैदा कर दिया कि लाखों प्रवासी अपने घर लौट आये है़ं

झारखंड से लाखों लोग पलायन कर बाहर रोजी-रोटी के लिए जाते है़ं कोरोना महामारी से उपजी परिस्थिति ने ऐसा संकट पैदा कर दिया कि लाखों प्रवासी अपने घर लौट आये है़ं ये प्रवासी मजदूर अब यहीं रोजी-रोटी की तलाश में है़ं 10 लाख प्रवासी मजदूरों की सूची सरकार के पास है़ वहीं इनकी संख्या 12 से 15 लाख तक बतायी जाती है़ सरकार के लिए इस बड़ी आबादी को रोजगार देना चुनौती होगी़ यह सामूहिक प्रयास से ही संभव है़ सबको मिल कर रास्ता निकालना होगा़ प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर प्रभात खबर के ब्यूरो प्रमुख आनंद मोहन ने भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी से बातचीत की़

खेती, मनरेगा रोजगार के लिए काफी नहीं

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी का भी मानना है कि 10 लाख प्रवासी को नौकरी देना बड़ी चुनौती है़ ऐसा दावा करना मुंगेरी लाल के हसीन सपने जैसा है़ खेती और मनरेगा इतनी बड़ी आबादी के लिए काफी नहीं है़ं झारखंड की स्थिति पर गौर करेंगे, तो यहां बड़े खेतीहर नहीं है़ं लोगाें के पास बहुत जमीन नहीं है़ सभी मार्जिनल किसान है़ मनरेगा में भी ज्यादा स्कोप नहीं है़ प्रवासी मजदूरों के लिए भी मनरेगा के काम में शायद ही रूचि रहे़

क्षेत्रवार योजना बननी चाहिए, रोजगार परक नीति हो

श्री मरांडी का कहना था कि प्रवासी की समस्या दूर करनी है, तो क्षेत्र विशेष पर ध्यान देने की जरूरत है़ उन क्षेत्रों को चिह्नित करने की जरूरत है, जहां से सबसे अधिक पलायन हुआ हो़ इसके साथ ही उन क्षेत्रों के लिए विशेष योजना बने़ उत्तरी छोटानागपुर के गिरिडीह, बोकारो, कोडरमा, हजारीबाग के साथ पलामू के इलाके से सर्वाधिक पलायन है़ इन क्षेत्रों को ध्यान में रख कर योजना बनानी होगी़ इन क्षेत्रों में कुटिर उद्योग से लेकर पूर्व में चल रहे उद्योगों को पुनर्जीवित करने की जरूरत है़

दूसरे राज्यों के महानगरों व शहरों में सुविधा केंद्र खुले

भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी का कहना है कि दूसरे राज्यों में हमारे मजदूर पलायन कर जाते है़ं पलायन एक सतत प्रक्रिया है़ मजदूरों से लेकर तकनीकी रूप से दक्ष लोग भी काम करने बाहर जाते रहे है़ं इसे रोका भी नहीं जा सकता है़ बेहतर अवसर देख कर लोग जाते है़ं लेकिन प्रवासी का ख्याल रखना सरकार की जवाबदेही है़ झारखंड से मुंबई, दिल्ली, सूरत, हैदराबाद और कर्नाटक के कुछ हिस्से में सर्वाधिक पलायन है़ ऐसे महानगर व शहरों में सुविधा केंद्र खोला जाये, जिससे संपर्क कर लोग अपनी समस्या रख सकते है़ं इन सुविधा केंद्रों में राज्य के अफसरों की तैनाती हो सकती है़ ऐसे में राज्य सरकार के पास पूरा रिकाॅर्ड रहे कि हमारे कितने मजदूर कहां है़ं

बिजली व्यवस्था दुरुस्त करे सरकार

भाजपा विधायक दल के नेता श्री मरांडी का कहना है कि राज्य में बिजली की व्यवस्था काफी खराब है़ ट्रांसमिशन के लिए केंद्र सरकार की विशेष पैकेज है़ सरकार को टाइम बांड और टास्क लेकर इसको पूरा करना होगा़ बिजली की व्यवस्था सुधर गयी, तो इसका सकारात्मक प्रभाव कृषि से लेकर उद्योग पर पड़ेगा़ हम अपना उत्पादन बढ़ा सकते है़ं झारखंड में बिजली की बदहाल व्यवस्था सुधर गयी, तो निवेश भी संभव है़ हमें छोटे-छोटे उद्योगों को सहूलियत देनी होगी. बड़े उद्योग से विस्थापन से लेकर दूसरा खतरा है़ माइक्रो लेबल पर इन क्षेत्रों में काम करने की जरूरत है़

Posted by : Pritish Sahay

Prabhat Khabar Digital Desk
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