रांची. राजधानी में किसान-मजदूरों की ओर से बुधवार को बुलायी गयी आम हड़ताल की पूर्व संध्या पर मशाल जुलूस निकाला गया. दरभंगा हाउस स्थित सीसीएल मुख्यालय से बड़ी संख्या में मजदूर और किसान हड़ताल के समर्थन में नारेबाजी करते हुए अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च करते हुए पहुंचे. अल्बर्ट एक्का चौक पर मोदी सरकार का पुतला दहन किया गया. साथ ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) लागू करने और मजदूरों के लिए लाये गये श्रम कानून को वापस लेने की मांग की गयी. नेताओं ने कहा कि बुधवार को देशभर में आम हड़ताल है, पूरा भारत बंद रहेगा और देश के 25 करोड़ से अधिक मजदूर हड़ताल में शामिल होंगे. बताया गया कि झारखंड में सभी सार्वजनिक संस्थान बंद रहेंगे. मशाल जुलूस का नेतृत्व एटक के राज्य सचिव अशोक यादव, भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, सरिता किंडो, सरिता टोप्पो, किशोर कुमार, सनी कुमार, ज्योति कुमार, राकेश पाठक सहित बड़ी संख्या में हड़ताल समर्थकों ने किया.
आम हड़ताल के समर्थन में वामपंथी दल भी सड़क पर उतरेंगे
रांची. केंद्र सरकार के खिलाफ आज किसान-मजदूरों की आम हड़ताल में वामपंथी पार्टियां भी सक्रिय होकर सड़कों पर उतरेंगी. सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक पूरे राज्य में चक्का जाम का ऐलान किया गया है. आम जनता से भी इस हड़ताल में शामिल होकर इसे सफल बनाने की अपील की गयी है. हड़ताल से पहले भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य कार्यालय में प्रेस वार्ता हुई, जिसमें राज्य सचिव महेंद्र पाठक, एटक के राज्य सचिव अशोक यादव, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, कर्मचारी संघ के सुनील साहू, बैंक इंप्लाइज एसोसिएशन के शशिकांत भारती और एआइबीए के सरफराज अहमद ने संबोधित किया. नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों और मजदूरों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कॉर्पोरेट इशारे पर 44 श्रम संहिताओं को बदलकर चार लेबर कोड में परिवर्तित कर दिया गया है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर किसानों को धोखा दिया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है