रांची. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी के राजू ने संगठन को दुरुस्त करने के लिए मोर्चा संभाला है. संगठन में नये-नये प्रयोग हो रहे हैं. संगठन और कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय व संवाद के लिए पार्टी हाइटेक हो रही है. पंचायत व वार्ड स्तर से लेकर प्रदेश स्तर के नेताओं के काम के आकलन के लिए नया-नया फॉर्मेट बन रहा है. जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए संगठन सृजन का अभियान चल रहा है. उधर, प्रदेश के नेताओं के बीच ही नूरा कुश्ती चल रही है.
संगठन के अंदर एक बार फिर उड़ी नये प्रदेश अध्यक्ष की हवा
नये प्रदेश अध्यक्ष की हवा संगठन के अंदर एक बार फिर उड़ी है. आदिवासी, गैर आदिवासी, पिछड़ा हर कार्ड नेता अपने-अपने हिसाब से चल रहे हैं. केंद्रीय नेतृत्व में भी लॉबिंग तेज है. प्रदेश के नेता अपने-अपने हिसाब से केंद्रीय नेतृत्व को फीडबैक दे रहे हैं. वहीं, मुद्दों पर भी पार्टी बंटी है. पेसा कानून को लेकर पार्टी नेताओं के बीच का विवाद पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक में खुलकर सामने आया. पूर्व सांसद फुरकान अंसारी और पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की आपस में भिड़ गये. कई विधायक भी इस मुद्दे पर बंटे-बंटे दिखे. वहीं, रिम्स टू को लेकर भी बंधु तिर्की का स्टैंड मंत्री डॉ इरफान अंसारी को रास नहीं आ रहा है.
विधायकों की आंखों की किरकिरी हो जाते हैं मंत्री
कांग्रेस के सत्ता में आने के साथ ही आपसी खींचतान शुरू हो जाती है. सरकार में पार्टी के मंत्री विधायकों की आंखों की किरकिरी हो जाते हैं. पार्टी की हर बैठक में विधायकों की शिकायत होती है कि मंत्री उनके काम को प्राथमिकता नहीं देते हैं. मंत्री का संगठन के साथ समन्वय नहीं होता है. कार्यकर्ताओं का काम नहीं होता है. यह सिलसिला पिछली सरकार से ही चल रहा है. गुरुवार को मंत्री-विधायकों की बैठक में भी नाराजगी खुलकर सामने आयी. पार्टी के विधायक ही मंत्री हटाओ मुहिम में जुट जाते हैं.कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं हो रहा : कमलेश
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि संगठन का काम सब ठीक से हो रहा है. सभी लोग लगे हैं. जहां तक प्रशासनिक काम या सरकार में काम की बात है, तो नियम-कायदा होता है. मंत्रियों का पूरा सहयोग मिल रहा है. अब क्या बोलूं. सबकी अपनी-अपनी इच्छा है. प्रभारी ने तो साफ कर दिया है कि कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा. आलाकमान मेरे काम से खुश हैं. संगठन सृजन का काम बेहतर तरीके से हो रहा है. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पेसा कानून लागू कराने के लिए पार्टी प्रतिबद्ध है. इसमें आदिवासी, गैर आदिवासी का कोई मतलब नहीं है. गैर आदिवासी ही पेसा कानून को सशक्त बनाने में लगे हैं. कुछ लोग बोलते हैं, तो उनको रोका नहीं जा सकता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है