: दोनों तीन प्रतिशत कमीशन पर करते थे काम : इंदौर का रहने वाला है गिरोह का मुख्य सरगना रांची. कोतवाली थाना की पुलिस ने इंदौर (मध्य प्रदेश) में साइबर फ्रॉड गिरोह के मास्टर माइंड रूद्र के दो सहयोगियों को शहीद चौक के पास गिरफ्तार कर बुधवार को जेल भेज दिया. गिरफ्तार आरोपियों की पहचान 32 वर्षीय दीपक कुमार हिमांशु और 28 वर्षीय संजीव कुमार के रूप में की गयी. दोनों बिहार के गया जिला के शेरघाटी थाना क्षेत्र के रहने वाले हैं. गिरफ्तार आरोपियों के पास से पांच मोबाइल फोन, विभिन्न बैंकों के 17 डेबिट कार्ड, पासबुक, पीएनबी के एक खाता में 24 हजार जमा कराने की रसीद, पीएनबी के एक अन्य खाता में 80 हजार रुपये जमा कराने की रशीद, 16 हजार नकद और घटना के दौरान प्रयोग की जा रही एक बाइक पुलिस ने जब्त की है. दोनों आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया है कि उनकी मुलाकात दो वर्ष पूर्व इंदौर के एक मॉल में रूद्र से हुई थी. लेकिन मुलाकात के बाद दोनों अपने-अपने घर लौटे गये. लेकिन दोनों रूद्र से मोबाइल के जरिये संपर्क में रहते थे. छह माह पूर्व रूद्र ने दोनों से कहा कि मेरे लिए काम करो, बहुत पैसा मिलेगा. दोनों ने जब काम के संबंध में रूद्र से पूछताछ की, तब रूद्र ने साइबर क्राइम किस करते हैं, इसके बारे में बताया. कहा कि इसमें तीन प्रतिशत कमीशन मिलता है. रूद्र की बातों में आकर पहले दोनों युवक अपना एकाउंट नंबर भेजकर तीन प्रतिशत कमीशन लेने लगे. दोनों कमीशन का पैसा काटने के बाद साइबर ठगी के पैसे अपने एकाउंट से निकालकर रूद्र द्वारा बताये गये बैंक एकाउंट में कैश डिपोजिट मशीन में जाकर जमा कर देते थे. दोनों ने पूछताछ में यह भी बताया है कि दोनों पैसा का प्रलोभन देकर साइबर ठगी का पैसा मंगवाने के लिए गांव के लोगों के नाम पर भी एकाउंट खुलवाये थे और अपने मोबाइल नंबर को एकाउंट से लिंक करवाकर बैंक एकाउंट को कंट्रोल करते थे. दोनों ने पुलिस को बताया कि वे साइबर ठगी का पैसा शहर के विभिन्न एटीएम से निकालकर रूद्र के बताये गये एकाउंट में नकद जमा रहे थे. इसी दौरान दोनों चेकिंग में पकड़े गये. दोनों की गिरफ्तारी और गिरोह के सरगना रूद्र की संलिप्तता को लेकर पुलिस ने केस दर्ज किया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है