रांची. झारखंड सचिवालय सेवा संघ ने मंगलवार को कैबिनेट में सचिवालय सेवा व निजी सहायक के संबंध में लिये गये फैसले का विरोध किया है. संघ ने लिखा है कि इससे दोनों संवर्ग के कर्मियों को काफी आर्थिक क्षति होगी. यह किसी भी हालत में ठीक नहीं है. संघ के अध्यक्ष ध्रुव प्रसाद ने कहा कि इस मामले से सरकार को अवगत कराया जायेगा. बताया जायेगा कि इससे बड़ी संख्या में अधिकारी प्रभावित होंगे. कैबिनेट में छठे पुनरीक्षित वेतनमान के परिप्रेक्ष्य में एक जनवरी 2006 के पूर्व पदस्थापित झारखंड सचिवालय सहायक व निजी सहायक के मूल कोटि के कर्मियों के वेतन निर्धारण के लिए निर्गत संकल्प को निरस्त करने का फैसला लिया गया है. यह संकल्प एक अक्तूबर 2019 को निकला था. इससे दोनों संवर्ग के कर्मियों का उस समय 1500 रुपये वेतन बढ़ा था. अब इस आदेश के निरस्त होने से उन्हें करीब 15 हजार का हर माह नुकसान होगा. उस समय के सहायक अभी अवर सचिव, उप सचिव व संयुक्त सचिव के पद पर हैं, जबकि निजी सहायक प्रोन्नति पाकर प्रधान आप्त सचिव, वरीय प्रधान आप्त सचिव बन गये हैं. संघ का कहना है कि इस तरह का फैसला कर्मियों के हित में नहीं है.
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