रांची. सदर अस्पताल में निमोनिया की जांच के लिए पहली बार अत्याधुनिक डायग्नॉस्टिक तकनीक ‘ब्रोंकोस्कोपी’ का इस्तेमाल किया गया. पल्मनोलॉजी(छाती रोग) विभाग के चिकित्सक डॉ सौभिक सरकार ने कांके निवासी मरीज की जांच के लिए इस अत्याधुनिक डायग्नॉस्टिक तकनीक का इस्तेमाल किया. मरीज के फेफड़ों में इन्फेक्शन(निमोनिया) की जानकारी मिली, इसकी जांच के लिए ब्रोंकोस्कॉपी करके फेफड़े एवं श्वांस नली के अंदर से बलगम और पानी निकाला गया. इनके द्वारा बीमारी की सटीक जानकारी मिलने के साथ ही मरीज का सही इलाज करने में मदद मिलती है. संभवतः यह झारखंड के किसी भी सरकारी अस्पताल में पहली बार इस तरह की जांच की गयी.
लंग कैंसर की पुष्टि के लिए मददगार
ओटी इंचार्ज लेप्रोस्कोपिक सर्जन डॉ अजीत कुमार ने कहा कि यह उपचार की एक एडवांस तकनीक है, जिससे कि दूरबीन डालकर सांस की नली एवं फेफड़ों तक पहुंचा एवं देखा जा सकता है. जरूरत पड़ने पर अगर शरीर के किसी अंग में बाह्य वस्तु जैसे सिक्का अटक जाता है, तो उसे भी इस विधि से निकाल कर जान बचायी जा सकती है. लंग कैंसर की पुष्टि के लिए सर्जरी द्वारा बायोप्सी निकालने में भी इस प्रक्रिया की मदद ली जाती है. इस पूरी प्रक्रिया में सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार, उपाधीक्षक डॉ बिमलेश सिंह सहित सर्जन डॉ अजीत कुमार का विशेष सहयोग रहा. ऑपरेशन थिएटर टीम के तौर पर सिस्टर नेली, स्नेहलता, फार्मासिस्ट लालू कुमार, सिस्टर सृष्टि, नीलम राठौर, संदीप सहित कई अन्य ओटी टेक्नीशियन ने विशेष सहयोग दिया.
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