हाइकोर्ट ने राज्य सरकार को जवाब दायर करने का दिया निर्देशमामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.
रांची . झारखंड हाइकोर्ट ने राज्य के अधिवक्ताओं के स्वास्थ्य बीमा, पेंशन राशि में बढ़ोतरी व स्टाइपेंड सहित अन्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस एम एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के दाैरान प्रार्थी का पक्ष सुना. इसके बाद खंडपीठ ने राज्य सरकार को अधिवक्ताओं की कल्याणकारी योजनाओं के लिए उठाये गये कदमों से संबंधित जवाब दायर करने का निर्देश दिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 23 जुलाई की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से खंडपीठ को बताया गया कि राज्य सरकार ने ट्रस्टी वेलफेयर कमेटी के सदस्य 15 हजार अधिवक्ताओं के लिए ही स्वास्थ्य बीमा योजना लागू करने का निर्णय लिया है, जबकि झारखंड में लगभग 33 हजार अधिवक्ता निबंधित हैं. बीसीआइ की ओर से अधिवक्ता प्रशांत कुमार सिंह ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी विदेश कुमार दान ने जनहित याचिका दायर की है.चेक बाउंस मामले में सजा बरकरार
रांची. न्यायायुक्त एके मिश्रा-एक की अदालत ने चेक बाउंस मामले में न्यायिक दंडाधिकारी कुशेश्वर सिंकू की अदालत द्वारा निर्धारित सजा को बरकरार रखा. अदालत ने चेक बाउंस मामले के अभियुक्त मो सलीमुद्दीन को एक साल की सजा, दो लाख का जुर्माना तथा 15 लाख रुपया मुआवजा देने का आदेश दिया था. उस सजा को चुनौती देते हुए अभियुक्त मो सलीमुद्दीन ने न्यायायुक्त की अदालत में क्रिमिनल अपील फाइल की थी. उस अपील को खारिज करते हुए न्यायायुक्त की अदालत ने न्यायिक दंडाधिकारी द्वारा दी गयी सजा को बरकरार रखा. मामला इटकी के मल्टी गांव में 30 डिसमिल जमीन से जुड़ा है. इसके एवज में एडलिन तिर्की ने 18 लाख रुपये दिये थे, लेकिन बाद में पता चला कि वह जमीन पूरी तरह से विवादित है. उसके बाद रुपये वापस मांगे, तो अभियुक्त ने चेक दिया था, जो बाउंस कर गया था, उसके बाद एडलिन तिर्की ने चेक बाउंस का कंप्लेन केस दर्ज कराया था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है