World Population Day 2025: रांची-झारखंड के राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अभियान निदेशक शशि प्रकाश झा ने रांची के सदर अस्पताल में विश्व जनसंख्या दिवस-2025 पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि विश्व जनसंख्या दिवस मनाने का उद्देश्य जनसंख्या से जुड़े मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, संसाधनों पर दवाब, शिक्षा और कौशल विकास में कमी, पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभाव, सामाजिक समस्याएं और प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर चर्चा करना है. जनसंख्या वृद्धि से बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं पर भी दबाव पड़ता है और असमानता बढ़ती है. इस कारण सामाजिक संघर्ष और कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भरता बढ़ जाती है. भारत की वर्तमान जनसंख्या वृद्धि दर 0.90 एवं झारखंड की वृद्धि दर 1.25 है. Population Projection 2020 के अनुसार झारखंड का (Growth Rate) लगातार कम हो रहा है. इसमें परिवार नियोजन कार्यक्रम का अहम योगदान है. उन्होंने परिवार नियोजन वीडियो का अनावरण किया. इसके साथ ही परिवार नियोजन जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
जनसंख्या नियंत्रण में परिवार नियोजन की अहम भूमिका
स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक प्रमुख डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि अस्थाई विधियों की उपयोगिता बढ़ाकर गर्भनिरोधक की आवश्यकता को पूरा किया जाए, जिससे गर्भनिरोधक के Unmet need जैसे कारकों में कमी लायी जा सके. कम आयुवर्ग में होने वाले विवाह एवं 18 वर्ष से पूर्व हो जाने वाले गर्भधारण एवं गर्भसमापन जैसी समस्याओं को कम करने में परिवार नियोजन की आवश्यकता एवं इसकी अहम भूमिका है. इसलिए सर्वप्रथम ऐसे क्षेत्रों/गांवों को चिन्हित करके उनमें जागरूकता लाने के प्रयासों को बढ़ावा देना है.
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जनसंख्या स्थिर के लिए प्रयास करने की जरूरत-सिविल सर्जन
रांची के सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के अनुसार झारखंड की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) घटकर 2.3 हो गयी है. यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. ये सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के सतत प्रयास से ही संभव हो पाया है. झारखंड की जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है. ये स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, संसाधनों और बुनियादी ढांचे के लिए चुनौती हैं. बढ़ती आबादी के कारण प्रदूषण काफी बढ़ रहा है. संसाधन का दोहन भी हो रहा है. झारखंड में रांची सबसे अधिक आबादी वाला जिला है. पिछले 10 वर्षों में यहां आबादी काफी बढ़ी है जो चिंता का विषय है. जनसंख्या स्थिर करने को लेकर प्रयास करना चाहिए.
परिवार कल्याण की उपलब्धियों में हुई बढ़ोत्तरी-डॉ पुष्पा
परिवार नियोजन की नोडल पदाधिकारी डॉ पुष्पा ने कहा कि परिवार नियोजन की विधियों (Basket of Choice) में विकल्पों को बढ़ाने के कारण परिवार कल्याण की उपलब्धियों में बढ़ोत्तरी हुई है. पिछले 10 वर्षों में परिवार नियोजन कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्तर पर नये-नये कार्यक्रमों को जोड़ा गया है. समुदाय में बच्चों में सही अन्तर रखने एवं सीमित करने के फायदे को आसान तरीकों से समझाया जा रहा है.
मौके पर ये थे मौजूद
इस अवसर पर राज्य नोडल पदाधिकारी आईईसी डॉ लाल माझी, डॉ अजीत खलखो, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ विमलेश सिंह, अकय मिंज, परिवार नियोजन समन्वयक गुंजन खलखो, पंकज कुमार, नवल किशोर यादव, जिला कार्यक्रम प्रबंधक प्रवीण सिंह, श्वेता वर्मा, प्रीति एवं अन्य मौजूद थे.
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