खरसावां.खरसावां के चांदनी चौक स्थित शहीद निर्मल महतो भवन में शनिवार को देश के स्वतंत्रता सेनानी और चुआड़ विद्रोह के महानायक क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो का 247वां शहादत दिवस मनाया गया. कुड़मी समाज की खरसावां-कुचाई इकाई की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में समाज के लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की.
मौके पर मॉडल स्कूल खरसावां के शिक्षक जीडी महंत ने कहा कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो का योगदान अतुलनीय है. 1857 के सिपाही विद्रोह से काफी पहले क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो के नेतृत्व में 1769 में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ चुआड़ विद्रोह हुआ था. उनके आंदोलन के कारण परमानेंट सेटलमेंट 1793 से ही खुंटकट्टीदार कुड़मी रैयतों की जमीन को अहस्तांतरणीय बनायी गयी थी. उस समय एकमात्र कुड़मी को ही खुंटकट्टीदार कुड़मी रैयत कहा जाता था. इसलिए कहा जाता है कि क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो का विद्रोह जमीन बचाना और रिवेन्यू नहीं देने के लिए ही इस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ हुई थी. उन्होंने कहा कि आज राज्य के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने चुआड़-विद्रोह के महानायक को रांची स्थित प्रतिमूर्ति पर माल्यार्पण कर सम्मान देने का कार्य किया है.क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो की मूर्ति स्थापित की जायेगी जल्द
राजकीय प्लस टू हाई स्कूल खरसावां के हिंदी शिक्षक सुनील कुमार महतो ने कहा कि क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो विद्रोह के दौरान लड़ते-लड़ते 5 अप्रैल 1778 को सिल्ली के लोटा गांव के ””””गढ़तैंतेइर”””” में अंग्रेजों की गोली से वीरगति प्राप्त हुई थी. मौके पर निर्णय लिया कि खरसावां में जल्द ही क्रांतिवीर शहीद रघुनाथ महतो की मूर्ति स्थापित की जायेगी.कार्यक्रम ये थे मौजूद
पंकज कुमार महतो, महेश्वर महतो, बाबलू महतो, रमेश महतो, कैलाश महतो, संजय महतो, महावीर महतो, लोकनाथ महतो, मंटू महतो, दयाल महतो, मनबोध महतो, मिलन महतो, राकेश महतो आदि.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है