खरसावां.
खरसावां के खेलारीसाई-टिनागोड़ा मैदान में सोमवार को आदिवासी संताल समाज महासभा की ओर से दिशोम बाहा पर्व का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत जाहेरथान में नायके बाबा दखीन सोरेन ने बाहा बोंगा (पूजा-अर्चना) के साथ की गयी. पूजा में सुख-शांति की कामना की गयी. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम में नगाड़ा व मांदर की थाप पर संताल समुदाय के लोगों ने नृत्य किया. दिशोम बाहा पर्व में शामिल होने के लिए खरसावां विधायक दशरथ गागराई की पत्नी बासंती गागराई, देश परगना फकीर चंद्र टुडू समेत आयोजन समिति के अध्यक्ष रामोराज सोरेन पहुंचे थे. सभी लोगों ने मांदर व नगाडे़ पर थाप देते हुए नृत्य किया. नृत्य के सिलसिला देर शाम तक चला. दिशोम बाहा में शामिल होने के लिये क्षेत्र के विभिन्न गांवों से संताल समुदाय के लोग पहुंचे थे. खरसावां में पिछले तीन सालों से दिशोम बाहा का आयोजन हो रहा है.अपनी संस्कृति, परंपरा व सभ्यता को जीवित रखना कार्यक्रम का उद्देश्य : बासंती
बासंती गागराई ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता व परंपरा को जीवित रखना है. बासंती गागराई ने कहा कि संस्कृति व परंपरा में ही हमारी पहचान छिपी हुई है. साथ ही अपने समाज को प्रगति के पथ पर आगे ले जाना है. देश परगना फकीर चंद्र टुडू ने कहा कि प्रकृति पर्व बाहा आदिवासी परंपरा और संस्कृति का परिचायक है. दिशोम बाहा पर्व हमारी पारंपरिक व सांस्कृतिक धरोहर है. इसे और सशक्त बनाने की जरूरत है.अतिथियों को अंगवस्त्र देकर किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान मंच पर उपस्थित अतिथियों को आयोजन समिति के सदस्यों ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया. इस दौरान मंच पर बासंती गगराई, मुखिया सिदेश्वर जोंको, आदिवासी हो समाज महासभा के जिला उपाध्यक्ष मनोज सोय, नायडू गोप, अनूप सिंहदेव, अरुण जामुदा, रानी हेंब्रम, लालू हांसदा, जर्मन हांसदा, सिरोसिंह सोरेन, राम हांसदा, रुपाय हांसदा, गोजला हांसदा, सोमरा मार्डी, नेपाल टुडू, रघुनाथ गोप, दिलदार हेंब्रम मौजूद थे. कार्यक्रम का संचालन लालू हांसदा ने किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है