डीसी ने मशीनों को ठीक करने का दिया निर्देश, अस्पताल के 50 में से नौ बेड पर एडमिट मिले मरीज सीएचसी के सभी 30 बेड फुल संवाददाता, खरसावां कुचाई के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व कल्याण विभाग के अस्पताल का शनिवार को उपायुक्त नितिश कुमार सिंह ने औचक निरीक्षण किया. दोनों ही अस्पतालों में ओपीडी, आइपीडी के साथ मेडिसिन स्टॉक, चिकित्सकों की उपस्थिति, मरीजों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली. कल्याण अस्पताल में ओपीडी व आइपीडी मरीजों की संख्या काफी कम पायी गयी. अस्पताल में 50 बेड की उपलब्धता के बावजूद केवल 9 मरीज ही भर्ती मिले. प्रतिदिन की ओपीडी संख्या भी अपेक्षाकृत कम पायी गयी. इस पर अस्पताल की कार्यप्रणाली में सुधार लाने तथा आमजन तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने की दिशा में ठोस पहल करने का निर्देश दिया. महिला एवं पुरुष वार्ड में भर्ती मरीजों से बातचीत कर चिकित्सा सेवाओं की स्थिति की जानकारी ली. संबंधित अधिकारियों को उनके बेहतर इलाज के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया. ओपीडी में 39 मरीज जांच कराने पहुंचे थे. बताया गया कि अस्पताल में रोजाना औसतन 40 से 45 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. उपायुक्त ने निर्देशित किया कि सभी चिकित्सक एवं कर्मी मरीजों के प्रति सहयोगपूर्ण, संवेदनशील एवं मानवीय व्यवहार सुनिश्चित करें, ताकि मरीजों की संतुष्टि और अस्पताल में उपस्थिति दोनों में वृद्धि हो सके. कुचाई सीएचसी : मलेरिया की जांच में तेजी लाने का निर्देश: उपायुक्त ने कुचाई सीएचसी का भी औचक निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान अस्पताल के सभी 30 बेड में मरीज भर्ती मिले. अधिकतर मरीज टाइफाइड व मलेरिया के पाये गये. मलेरिया की जांच में तेजी लाने का निर्देश दिया. सीएचसी में रोजाना औसतन 50-55 मरीज पहुंचते हैं. हर माह 50 से 60 गर्भवतियों का संस्थागत प्रसव होता है. हर मंगलवार व शुक्रवार को महिला बाध्याकरण, पुरुष नसबंदी व हाइड्रोसील का ऑपरेशन होता है. कोरोना काल में अस्पताल में लगाये गये ऑक्सीजन प्लांट फंक्शनल है. डीसी ने कुचाई सीएचसी में कुपोषित बच्चों के उपचार कराने का भी सुझाव दिया. सरकार की ओर से चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ आम लोगों तक पहुंचाने का निर्देश दिया. बिना वैध कारण के किसी चिकित्सक या कर्मी के अनुपस्थित रहने नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिया. निरीक्षण में उपायुक्त ने दिये निर्देश: खराब पड़ी एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड मशीन को शीघ्र चालू करने, अस्पताल परिसर की नियमित सफाई सुनिश्चित करने, मरीजों को सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने, समस्त पंजी एवं रजिस्टरों का नियमित एवं व्यवस्थित संधारण करने, सूचना पटल पर रोस्टरवार चिकित्सकों एवं स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति प्रदर्शित करने, मरीजों को मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता योजना, मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी योजना आदि के तहत लाभान्वित करने का निर्देश दिया.
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