खरसावां.कुचाई प्रखंड के छोटा अरुवां गांव में भीषण पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है. गांव के करीब 700 लोग 70 साल पुराने कुएं के पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं. गर्मी के शुरुआती दौर में ही जल संकट गहरा गया है, जिससे आने वाले दिनों में स्थिति और भयावह हो सकती है.
हर घर नल जल योजना विफल
गांव में हर घर नल-जल योजना के तहत तीन सोलर संचालित जलापूर्ति योजनाएं स्थापित की गयी थीं, लेकिन इनमें से एक योजना का पानी गंदा आ रहा है, जबकि अन्य दो जलमीनारों की टंकियों के ढक्कन न होने के कारण उनमें गंदगी जमा हो गयी है. इससे उन दो जलमीनारों का पानी उपयोग योग्य नहीं है.
घरेलू जलापूर्ति बाधित
घरेलू जलापूर्ति भी चरमराई हुई है. पाइपलाइन ठीक से नहीं बिछायी गयी है, कई स्थानों पर यह सड़क के ऊपर से गुजर रही है, जिससे पाइपलाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है. ग्रामीणों के कई बार शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ. स्थिति यह है कि नहाने और कपड़े धोने के लिए ग्रामीणों को लगभग एक किलोमीटर दूर सोना नदी जाना पड़ता है.
तीनों चापाकल खराब, कुएं से जलापूर्ति
गांव में पूर्व में लगाए गए तीनों चापाकल खराब हो चुके हैं, जिससे लोगों की निर्भरता 60 साल पुराने कुएं पर बढ़ गयी है. ग्रामीणों के अनुसार, यह कुआं जितना पुराना है, उतना ही इसका पानी मीठा और शुद्ध है. गर्मी के बावजूद यह कुआं कभी नहीं सूखता है. इससे लोग बाल्टी व रस्सी के सहारे पानी निकालकर पीने और अन्य आवश्यकताओं के लिए उपयोग कर रहे हैं.
जलापूर्ति योजना को दुरुस्त करने की मांग
ग्रामीणों ने जलापूर्ति योजना को पुनः संचालित करने की मांग की है. पारंपरिक ग्राम प्रधान दुलाल स्वांसी, श्याममती सरदार, समी सरदार, शिवम सरदार, पुरु सरदार, सबरन सरदार, गब्बर सरदार, मंगल सरदार, बुधराम सरदार, ममता स्वांसी और बुधनी स्वांसी ने प्रशासन से जल्द समाधान की मांग की है. उनका कहना है कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे.
ग्रामीणों के बोल
छोटा अरुवां गांव में हर घर नल जल योजना पूरी तरह से फेल हो चुकी है. ग्रामीणों को इस योजना का समुचित लाभ नहीं मिल रहा है. प्रशासन को पहले भी ज्ञापन दिया गया, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ. – दुलाल स्वांसी, पारंपरिक ग्राम प्रधानगांव के लोग भीषण गर्मी में पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. 60 साल पुराने कुएं का पानी ही एकमात्र सहारा बना हुआ है. – समी सरदार, ग्रामीण महिला
तीनों जलापूर्ति योजनाओं का पानी गंदा आ रहा है. जल मीनारों की टंकियों का ढक्कन नहीं रहने से गंदगी जमा हो रही है. – शिवम सरदार, ग्रामीणसरकार द्वारा लगाए गए तीनों चापाकल खराब हो चुके हैं. पेयजल विभाग को इन्हें जल्द दुरुस्त कराना चाहिए, ताकि लोगों को कुछ राहत मिले. – पुरु सरदार, ग्रामीणपाइपलाइन सही तरीके से नहीं बिछायी गयी है, जिससे पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है. इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. – श्याममती सरदार, ग्रामीण
हर साल गर्मी के मौसम में पानी की समस्या उत्पन्न होती है. जलापूर्ति योजनाओं को दुरुस्त कर पाइपलाइन से घरेलू जलापूर्ति की व्यवस्था की जानी चाहिए. – बुधनी सरदार, ग्रामीणडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है