खरसावां. खरसावां स्थित अग्र परियोजना केंद्र में शुक्रवार को रेशम दूत के बीच तसर खेती व बीजागार के लिए आवश्यक कृषि उपकरण वितरित किये गये. मौके पर सहायक उद्योग निदेशक (कोल्हान) रवि शंकर प्रसाद, खरसावां प्रमुख मनेंद्र जामुदा, कुचाई के उप प्रमुख सुखदेव सरदार, जिप सदस्य सावित्री बानरा, 20 सूत्री प्रखंड अध्यक्ष अजय सामड, खरसावां के पीपीओ नीतीश कुमार व मनोहरपुर के पीपीओ प्रदीप महतो ने तसर किसानों को बेहतर ढंग से खेती के लिए प्रोत्साहित किया.
एडीआइ रवि शंकर प्रसाद ने बताया गया कि इस वर्ष तसर की खेती के लिए मौसम अनुकूल है. पिछले वर्ष की तुलना में अधिक मात्रा में तसर की खेती की जा रही है. इस वर्ष कोल्हान में 750 मीट्रिक टन तसर उत्पादन का लक्ष्य है. इसकी प्राप्ति का भरसक प्रयास होगा.खरसावां-कुचाई में बनाये गये नै बीजागार :
बताया गया कि सिल्क समग्र-दो के तहत खरसावां-कुचाई के नौ रेशम दूतों के खेतों में बीजागार बनाये गये हैं. प्रत्येक बीजागार में करीब 2.85 लाख रुपये की लागत आयी है. ये रेशम दूत अपने बीजागारों में रोग मुक्त चक्कतें (डीएफएल) तैयार करेंगे. आगे इन्हीं डीएफएल (तसर के अंडे) से तसर कीट पालन होगा.रेशम दूतों में वितरित सामग्री
माइक्रोस्कॉप, मोथ टेस्टिंग टेबल-टूल, मेजरिंग सिलिंडर, नोज मास्क, वेट एंड ड्राइ थर्मामीटर, सोलर लालटेन, प्लास्टिक बकेट-टब, पोटैशियम हाइड्रोक्सॉइड, फार्मलिन, ब्लॉटिंग पेपर, चूना, कवर स्लिप समेत अन्य.
किसानों में 50 हजार डीएफएल का वितरण :
खरसावां व कुचाई के तसर किसानों में 50 हजार रोग मुक्त चक्कतें (डीएफएल) का वितरण किया गया. इन डीएफएल (तसर के अंडे) से किसान तसर के कीट तैयार कर अर्जुन व आसन के पेडों पर कीट पालन करेंगे. किसानों को तसर कीटों के निसंक्रमण के लिए चूना-ब्लिचिंग, विटामिन दिये गये. इस दौरान दीपू कुमार, रजनीश कुमार, डोमन कुम्हार, नीरज कुमार आदि उपस्थित थे.
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