खरसावां/चांडिल. चांडिल प्रखंड के मतकमडीह स्थित वन धन विकास केंद्र का भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव बृजनंदन प्रसाद ने निरीक्षण किया. इस दौरान बृजनंदन प्रसाद ने आदिम जनजाति (पीवीटीजी) समुदाय की महिलाओं द्वारा तैयार किये जा रहे उत्पादों की जानकारी ली. उनके उत्पादों की गुणवत्ता की सराहना की. इन केंद्रों के माध्यम से न केवल वन आधारित उत्पादों को बेहतर स्वरूप दिया जा रहा है, बल्कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कार्य हो रहा है. यह केंद्र विशेष रूप से आदिम जनजाति समुदाय की महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन और आजीविका संवर्धन के उद्देश्य से संचालित किया जा रहा है. बृजनंदन प्रसाद ने महिलाओं से संवाद कर उनके अनुभवों, चुनौतियों तथा उत्पादों के विपणन से जुड़े पहलुओं की जानकारी ली. उन्होंने साल पत्ता से दोना, पत्तल निर्माण की प्रक्रिया, उसकी प्रोसेसिंग और बाजार तक पहुंच की चुनौतियों पर चर्चा की. महिलाओं ने बताया कि प्रशिक्षण और उपकरण तो प्राप्त हो चुके हैं, परंतु स्थायी बाजार और बेहतर मूल्य अब भी एक बड़ी चुनौती बना हुई है. संयुक्त सचिव ने महिलाओं को भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार उनके उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और मार्केटिंग में हरसंभव सहायता करेगी. उन्होंने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दिया कि उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और बाजार उपलब्धता को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कदम सुनिश्चित किए जाएं. उन्होंने वन उत्पादों की मूल्य संवर्धन (वैल्यू एडिशन) पर भी जोर दिया. कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि बाजार आधारित सशक्तीकरण सुनिश्चित करना है. इस दौरान आशीष अग्रवाल, तलेश्वर रविदास, रानी पल्लवी समेत महिला स्वयं सहायता समूह की दीदियां भी उपस्थित रहीं.
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