खरसावां.
खरसावां प्रखंड के हरिभंजा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र केवल शोभा की वस्तु बनकर रह गया है. लोगों को इस पीएचसी का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा है. पिछले एक साल से अधिक समय से यह पीएचसी बिना चिकित्सक के संचालित हो रही है. जानकारी के अनुसार, पूर्व में इस पीएचसी का संचालन आउटसोर्सिंग से किया जा रहा था, लेकिन पिछले एक साल से अधिक समय से हरिभंजा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का संचालन स्वास्थ्य विभाग के अधीन है. पीएचसी में केवल दो नर्स और एक क्लर्क की नियुक्ति की गयी है, जिनके जिम्मे ही पूरा संचालन है.डॉक्टर, फार्मासिस्ट व लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति नहीं
सरकार की ओर से हरिभंजा पीएचसी के लिए एक चिकित्सक, एक फार्मासिस्ट, एक लैब टेक्नीशियन, एक क्लर्क, चार एएनएम और दो अनुसेवकों के पद सृजित किए गए हैं. हालांकि, यहां केवल एक क्लर्क और दो एएनएम की ही नियुक्ति हुई है, जबकि चिकित्सक समेत अन्य पद रिक्त पड़े हैं. इस कारण पीएचसी से लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में लोगों को उपचार के लिए खरसावां सीएचसी या फिर निजी नर्सिंग होम पर निर्भर रहना पड़ रहा है.विधायक दशरथ गागराई ने विधानसभा में उठाया मामला
विधायक दशरथ गागराई ने राज्य सरकार से हरिभंजा पीएचसी में चिकित्सक समेत अन्य पदों पर नियुक्ति की मांग की है. उन्होंने शनिवार को विधानसभा में शून्यकाल के दौरान यह मामला उठाया. विधायक ने पीएचसी के बेहतर संचालन की मांग की है.अस्पताल में दवा समेत बुनियादी सुविधाओं का अभाव
इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है. वर्तमान में अस्पताल में ओपीडी सेवा भी बाधित है. साथ ही, अस्पताल में दवाओं और कर्मियों की भी भारी कमी है. स्थानीय लोगों ने इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की नियुक्ति कर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने की मांग की है. मालूम हो कि करीब पांच वर्ष पूर्व यहां 2.35 करोड़ रुपये की लागत से अस्पताल भवन और स्टाफ क्वार्टर बनाए गए थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है