खरसावां.
कुचाई के गुड़गुदरी गांव में बुधवार को चड़क पूजा का आयोजन किया गया. गांव के बुढ़ाबाबा मंदिर के सामने भोक्ताओं ने चैत्र संक्रांति पर विधिवत पूजा-अर्चना की. इसके बाद भोक्ताओं ने भगवान शिव के प्रति अपनी भक्ति व आस्था प्रकट करते हुए गाजाडांग (रुजड़ी) का आयोजन किया. इसमें भोक्ताओं को 30 फीट ऊपर एक बांस के सहारे लटकाया जाता है. फिर भगवान भोलेनाथ का नाम लेकर उन्हें हवा में घुमाया जाता है. इसके अलावे कई भोक्ता आग पर चलकर अपनी हठभक्ति का प्रदर्शन करते हैं. तन को कष्ट देकर मन को सुकून देने के लिए हर साल चड़क पूजा पर हठभक्ति की इस परंपरा को निभाया जाता है. इसे देखने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं.श्रद्धालुओं ने उपवास रख की पूजा-अर्चना
इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं पूजास्थल पर पहुंच कर जलाभिषेक किया. साथ ही अपने परिवार की सुख-समृद्धि के लिए कामना की. इस दौरान गांव में छऊ नृत्य का भी आयोजन किया गया. दूसरी ओर, कुचाई के जोजोहातु में भी चड़क पूजा के दौरान आगुनमाड़ा का आयोजन किया गया. यहां भी भोक्ताओं ने अंगारों पर नंगे पांव चल कर अपने आराध्य देव के प्रति भक्ति को प्रदर्शित किया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है