खरसावां. कोलकाता के सुशीला बिड़ला गर्ल्स स्कूल के प्रेक्षागृह में सरायकेला छऊ शैली के पारंपरिक मुखौटों की तीन दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन कोलकाता इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर आर्ट्स, लिटरेचर एंड कल्चर द्वारा बांग्ला नाटक डॉट कॉम व एक्सिस बैंक फाउंडेशन के सहयोग से किया गया. प्रदर्शनी में सरायकेला के प्रख्यात छऊ मुखौटा कलाकार सुमित महापात्र ने ऐतिहासिक, पौराणिक व सामाजिक विषयों पर आधारित मुखौटों को प्रदर्शित किया. उन्होंने मुखौटा निर्माण की जटिल तकनीकों व कला से जुड़ी बारीकियों को भी आगंतुकों के साथ साझा किया. साथ ही रोहित साहू और प्रीति पाल भी इस प्रदर्शनी में सहभागिता कर रहे हैं. बड़ी संख्या में दर्शक प्रदर्शनी में पहुंच कर छऊ नृत्य की पहचान माने जाने वाले इन मुखौटों की सराहना कर रहे हैं. 24 से 26 जुलाई तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में सुमित द्वारा मास्क निर्माण पर डेमो और व्याख्यान भी प्रस्तुत किये जायेंगे.
विरासत को आगे बढ़ाया:
सरायकेला का महापात्र परिवार छऊ मुखौटा निर्माण की कला को पीढ़ियों से जीवित रखे हुए है. इस परंपरा की शुरुआत गुरु प्रसन्न कुमार महापात्र ने की थी, जिन्होंने करीब सौ वर्ष पूर्व सरायकेला छऊ नृत्य के लिए पहला आधुनिक मुखौटा तैयार किया. इसके बाद उनके भतीजे गुरु सुशांत महापात्र ने इस विरासत को आगे बढ़ाया और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना प्राप्त की. अब इस परंपरा को सुमित महापात्र आगे बढ़ा रहे हैं. उनके बनाये छऊ मुखौटों की प्रदर्शनी देश के कई शहरों में लग चुकी है. उनके द्वारा निर्मित मुखौटे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भी भेंट किये जा चुके हैं, जो इस पारंपरिक कला के प्रति बढ़ते सम्मान को दर्शाता है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है