सरायकेला.
जिले के जय प्रकाश सिंहदेव विगत 50 वर्षों से अधिक समय से गोपालन कर रहे हैं. गोपालन और दूध के व्यवसाय से जय प्रकाश सिंहदेव ने न केवल अपनी एक अलग पहचान बनायी है, बल्कि अपने काम से वे रोल मॉडल बन गये हैं. जय प्रकाश 10 साल की उम्र से ही गोपालन के कार्य से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से करीब 35-40 हजार रुपये महीने की बचत होती है. साथ ही उन्होंने 5 लोगों को रोजगार भी दिया है.रोजाना 130 से 150 लीटर दूध का होता है उत्पादन
जय प्रकाश सिंहदेव ने अपने घर में ही गोशाला बनाया है. उनकी गोशाला में देशी व विदेशी नस्ल के करीब 60 गाय और भैंस हैं. गोशाला से रोजाना करीब 130 से 150 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन होता है. गोशाला में अधिकतर गाय होलेस्टर फ्रीजियन नस्ल की हैं, जबकि अधिकतर भैंस मुरा नस्ल (सर्वश्रेष्ठ नस्ल) के हैं. जय प्रकाश सिंहदेव ने बताया कि उन्हें अपने पिता से गोसेवा की प्रेरणा मिली. पहले उनके पिता करीब 20-22 गाय और भैंस रख कर गोपालन करते थे. इसके बाद उन्होंने गोपालन के कार्य को आगे बढ़ाया.सरायकेला में डेयरी खोलने की मांग
जय प्रकाश सिंहदेव ने कहा कि जिला में बड़ी संख्या में किसान गोपालन करना चाहते हैं. दूध की बिक्री के लिए बाजार नहीं होने के कारण किसान यह कदम नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने बताया कि सुबह के समय में आसानी से दूध की खपत हो जाती है. लेकिन शाम के समय में दूध बेचने में थोड़ी परेशानी होती है. मजबूरन किसानों को सस्ते दाम पर बाजार में दूध बेचना पड़ता है. सरायकेला में सरकार की स्तर पर डेयरी या दूध कलेक्शन सेंटर खुलने से गोपालकों को सुविधा होगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है