सरायकेला
नगर पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष मनोज चौधरी ने नगर पंचायत के सामान की खरीदारी में गड़बड़ी का आरोप लगाया है. उन्होंने मामले में डीसी से जांच की मांग की है. उन्होंने अपने आवेदन में बताया कि सरायकेला नगर पंचायत में इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के तहत लगभग 50 लाख रुपये के सामान की खरीदारी की गयी है. इसमें बाजार मूल्य से चार गुना अधिक रेट पर सामान की खरीदारी कोलकाता की एक एजेंसी जगपति इंटरप्राइजेज से की गयी है. मनोज चौधरी ने डीसी से मामले की जांच का आग्रह किया है. वहीं जांच होने तक इओ को पद से हटाने की मांग की है.क्या है मामला :
नगर विकास विभाग द्वारा कार्यालय क्षमता संवर्द्धन के लिए सरायकेला नगर पंचायत को 50 लाख रुपये का आवंटन उपलब्ध कराया था. आवंटन के विरुद्ध कार्यालय के साज-सजावट के सामान की खरीदारी की गयी है. जिन सामान की खरीदारी की गयी है, उसमें अधिकतर सामान की खरीद बाजार मूल्य से काफी अधिक दर से की गयी है. साथ ही कई सामान की अभी तक आपूर्ति भी नहीं की गयी है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि नगर पंचायत के वर्तमान प्रशासक मूल्य से चार से 10 गुना तक अधिक दर से सामान खरीदा गया है.
इन सामान का बाजार मूल्य से अधिक भुगतान किया गया :
नन ब्रांडेड गोदरेज अलमारी, जिसकी बाजार कीमत 5000 है, उसे 50,000 रुपये में खरीदा गया है. कलर प्रिंटर के बॉक्स पर 80,000 मूल्य अंकित है. इसके लिए चार लाख रुपये भुगतान किया गया है. रिवाल्विंग चेयर, जिसका बाजार मूल्य 5000 रुपये है, उसे 30,000 रुपये में खरीदा गया. ऑफिस कुर्सी जिसकी बाजार में कीमत 2000 रुपये है, उसे 5000 रुपये में खरीदा गया. सोफा सेट जिसकी कीमत 10000 रुपये है उसे 70000 रुपये में खरीदा गया, जबकि सोफा सेट कार्यालय में कहीं नही है. टॉयलेट के 5 दरवाजों का 25000 करके भुगतान किया गया. जबकि दरवाजा कहीं नहीं लगा है. मामूली सी दीवार घड़ी 25000 रुपये में खरीदी गयी, जो ऑफिस में कहीं नहीं है. इसी प्रकार फ्रीज, वाटर प्यूरीफायर, सिंटेक्स, इनर्वटर सभी का बाजार मूल्य से अधिक का भुगतान किया गया है.
संवेदक की मिलीभगत से की गयी खरीदारी :
मनोज चौधरी ने कार्यपालक पदाधिकारी पर संवेदक की मिलीभगत से सरकारी राशि की लूट करने का आरोप लगाया है. कहा कि पूर्व में भी इनके कार्यकाल में जो खरीदारी की गयी है, सभी में गड़बडी की गयी है, जो जांच का विषय है.
कार्यालय की जरूरत के अनुसार विभाग को प्रस्ताव भेजा गया था. इस एवज में जो आवंटन मिला था, उसे जीएम पोर्टल में अपलोड करते हुए कोटेशन लिया गया था और सामान की खरीदारी की गयी है. कार्यालय की गोपनीयता भंग करने पर कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए विभाग से दिशा-निर्देश मांगा गया है.-शशि शेखर सुमन
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