सरायकेला. सरायकेला टाउन हॉल में मंगलवार को जेएसएलपीएस के सक्रिय स्वयं सहायता समूह की दीदियों का सशक्तीकरण क्षमता विकास एवं उनकी प्रभावी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला में डीसी नितिश कुमार सिंह ने कहा कि स्वयं सहायता समूह आजीविका संवर्धन एवं सामाजिक परिवर्तन के सशक्त माध्यम हैं. समूहों के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देते हुए ऐसी गतिविधियों का चयन किया जाये, जिससे समूह की आय में निरंतर वृद्धि हो सके. उन्होंने वर्ष में कम से कम एक लाख अथवा उससे अधिक की वार्षिक आय प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारित कर कार्य करने की बात कही. उन्होंने कृषि, पशुपालन, खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग, मिल संचालन, दीदी कैफे, राशन दुकान, सिलाई-कढ़ाई आदि क्षेत्रों में प्रस्ताव तैयार कर जिला प्रशासन से सहयोग प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया. डीसी ने दीदियों को नोडल दीदी के रूप में कार्य करते हुए सामाजिक जागरुकता फैलाने, सरकारी योजनाओं की जानकारी अन्य महिलाओं तक पहुंचाने एवं महिला सशक्तीकरण की दिशा में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया.
आजीविका संसाधन केंद्र के लिए तैयार करें प्रस्ताव.
कार्यक्रम में डीसी ने सभी ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर को आजीविका संसाधन केंद्र के लिए प्रस्ताव तैयार करने, प्रत्येक ग्राम में एसएचजी के माध्यम से राशन दुकान का संचालन सुनिश्चित कराने, दीदी कैफे संचालन के लिए उपयुक्त स्थान व समूह को चिह्नित करने के निर्देश दिया. इस दौरान दीदियों ने अपनी समस्याओं से डीसी को अवगत कराया, जिस पर जांचोपरांत समस्याओं के निराकरण करने की बात कही.समर्पण से दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बनें : डीडीसी
डीडीसी रीना हांसदा ने कहा कि आप सभी दीदियों ने अपने परिश्रम और समर्पण से न केवल स्वयं के जीवन में परिवर्तन लाया है, बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्रोत बनी हैं. उन्होंने कहा कि आपकी सक्रिय भागीदारी से समाज में व्यापक बदलाव संभव है. कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया. कार्यशाला के माध्यम से विभिन्न प्रखंडों से आयीं दीदियों को वित्तीय साक्षरता, उद्यमिता विकास, आजीविका संवर्धन योजनाओं, विपणन तकनीकों एवं बैंकिंग सेवाओं के बारे में जानकारी दी गयी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है