Rath Yatra | खरसावां, शचिंद्र कुमार दाश: “मंगलम् भगवान विष्णु, मंगलम् मधुसुदनम, मंगलम् पुंडरी काख्य, मंगलम् गरुड़ ध्वज, माधव माधव बाजे, माधव माधव हरि, स्मरंती साधव नित्यम, शकल कार्य शुमाधवम् …” जैसे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आज गुरुवार को खरसावां के हरिभंजा स्थित जगन्नाथ मंदिर में प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन का नेत्र उत्सव संपन्न हुआ. नेत्र उत्सव के दौरान प्रभु जगन्नाथ के नव यौवन रुप के दर्शन की रस्म निभायी गयी. इस खास मौके पर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी.
भक्तों के बीच हुआ प्रसाद का वितरण
वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ जय जगन्नाथ की जयघोष, शंखध्वनी व पारंपरिक उलध्वनी (हुलहुली) के बीच चतुर्था मूर्ति के अलौकिक नव यौवन रुप के दर्शन भी हुए. इस दौरान मंदिर परिसर में भक्तों का समागम बना रहा. साथ ही भंडारे का आयोजन कर भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर पुरोहित पं प्रदीप कुमार दाश व भरत त्रिपाठी ने पूजा अर्चना की, जबकि यजमान के रूप में जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव, संजय सिंहदेव, राजेश सिंहदेव, पृथ्वीराज सिंहदेव मौजूद रहे.

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15 दिनों तक अणसर गृह में हुआ प्रभु का उपचार
मालूम हो कि विगत 11 जून को स्नान पूर्णिमा के दिन 108 कलशों के पानी से स्नान करने के कारण चतुर्था मूर्ति बीमार हो गये थे. 15 दिनों तक अणसर गृह में प्रभु की गुप्त सेवा की गयी. देशी नुस्खा पर आधारित जुड़ी-बुटी से तैयार दवा पिला कर इलाज किया गया. अब प्रभु स्वस्थ्य हो गये हैं.
कल निकलेगी रथ यात्रा
प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा के साथ कल शुक्रवार को रथ पर सवार हो कर मौसी के घर जायेंगे. इसे श्री गुंडिचा यात्रा कहा जाता है. रथ यात्रा को लेकर रथ निर्माण समेत सारी तैयारियां पूरी कर ली गयी है. रथ यात्रा के दौरान प्रभु के रथ को खींचने के लिये हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी.
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