Success Story | सरायकेला, शचिंद्र कुमार दाश/प्रताप मिश्रा: सरायकेला जिले के जय प्रकाश सिंहदेव विगत 55 वर्षों से गौपालन कर रहे हैं. गौपालन और दूध के व्यवसाय से जय प्रकाश सिंहदेव ने न केवल अपनी एक अलग पहचान बनायी है, बल्कि अपने काम से वे रोल मॉडल बन गये हैं. जय प्रकाश 10 साल की उम्र से ही गौ-पालन के कार्य से जुड़े हुए हैं. उन्होंने बताया कि इस व्यवसाय से करीब 35-40 हजार रुपये महीने की बचत होती है. साथ ही उन्होंने 5 लोगों को रोजगार भी दिया है.
रोजाना 150 लीटर दूध का होता है उत्पादन
जय प्रकाश सिंहदेव ने अपने घर में ही गौशाला बनाया है. उनकी गौशाला में देशी व विदेशी नस्ल के करीब 60 गाय और भैंस हैं. गौशाला से रोजाना करीब 150 लीटर से अधिक दूध का उत्पादन होता है. गौशाला में अधिकांश गाय होलेस्टर फ्रीजियन नस्ल की हैं, जबकि अधिकांश भैंस मुरा नस्ल (सर्वश्रेष्ठ नस्ल) के हैं. जय प्रकाश सिंहदेव ने बताया कि उन्हें अपने पिता से गौ सेवा की प्रेरणा मिली. पहले उनके पिता करीब 20-22 गाय और भैंस रख कर गौ-पालन करते थे. इसके बाद उन्होंने गौ-पालन के कार्य को आगे बढ़ाया.
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सरायकेला में डेयरी खोलने की मांग
जय प्रकाश सिंहदेव ने कहा कि सरायकेला-खरसावां जिला के अलग-अलग क्षेत्रों के बड़ी संख्या में किसान गौ-पालन करना चाहते है. लेकिन दूध की बिक्री के लिए बाजार नहीं होने के कारण किसान यह कदम नहीं उठा रहे हैं. उन्होंने बाताया कि सुबह के समय में आसानी से दूध की खपत हो जाती है. लेकिन, शाम के समय में दूध बेचने में थोड़ी परेशानी होती है. मजबूरन किसानों को सस्ते दाम पर बाजार में दूध बेचना पड़ता है. सरायकेला में सरकार की स्तर पर डेयरी या दूध कलेक्शन सेंटर खुलने से गौ-पालकों को सुविधा होगी. ऐसे में बड़ी संख्या में किसान के गौ पालन के क्षेत्र में आगे आयेंगे.
जिले में नहीं है गायों के लिए स्वास्थ्य सुविधा
डेयरी के विकास के संबंध में जय प्रकाश सिंहदेव ने कहा कि सरकारी स्तर से यहां के गौ-पालकों को सुविधाएं मिलें, तो सरायकेला में भी दूध की नदी बह सकती है. उन्होंने कहा कि सरायकेला में गायों के स्वास्थ्य सेवा की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां पर मवेशियों के एक्स-रे सहित पैथोलॉजी की भी सुविधा नहीं होने के कारण पशु पालकों को काफी परेशानी होती है. उन्होंने कहा कि सरकारी स्तर से जिले में श्वेत क्रांति को बढ़ावा देने की ठोस पहल करनी चाहिए. उन्होंने बताया कि गौ सेवा उनका परम धर्म है और उन्होंने इसे व्यवसाय के तौर पर कभी नहीं लिया.