खरसावां. सामाजिक संगठन उत्कल सम्मेलनी द्वारा मानदेय पर नियुक्त शिक्षकों को पिछले एक वर्ष से भुगतान नहीं मिला है. वित्तीय वर्ष 2024-25 समाप्त हुए तीन महीने से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन शिक्षकों को अब तक कोई राशि नहीं मिली है. इस कारण उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. बावजूद इसके ओड़िया शिक्षक रोजाना समय पर स्कूल पहुंचकर बच्चों को मातृभाषा ओड़िया में शिक्षा दे रहे हैं. झारखंड, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के ओड़िया भाषी क्षेत्रों में पिछले दो दशकों से 11 परिदर्शकों की निगरानी में कुल 626 शिक्षक ओड़िया भाषा में शिक्षण कार्य कर रहे हैं. ओडिशा सरकार के शिक्षा विभाग की ओर से मिलने वाली सालाना 30,000 रुपये की सब्सिडी पर इन शिक्षकों को मानदेय दिया जाता है.
2021-22 का मानदेय भी अब तक बकाया:
शिक्षकों का वित्तीय वर्ष 2021-22 का मानदेय भी अब तक लंबित है. आर्थिक अनुदान न मिलने के कारण बार-बार मांग के बावजूद भुगतान नहीं हो सका. शिक्षकों ने कई बार मानदेय बढ़ाकर 4500 रुपये मासिक करने की भी मांग की थी, जिस पर ओडिशा सरकार ने मौखिक आश्वासन तो दिया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई.बकाया भुगतान को लेकर कई बार पहल की गयी:
ओड़िया शिक्षकों ने ओडिशा के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव सहित उत्कल सम्मेलनी के केंद्रीय अध्यक्ष और सचिव को पत्र भेजकर बकाया मानदेय का भुगतान करने की मांग की है. जिलाध्यक्ष सुमंत चंद्र मोहंती और सरोज कुमार प्रधान सहित अन्य पदाधिकारियों ने भी सरकार से शीघ्र भुगतान की अपील की है. सरोज प्रधान ने जानकारी दी कि सीएम को ज्ञापन सौंपा जा चुका है व सकारात्मक निर्णय की उम्मीद है.ओडिशा सरकार के अधिकारी करेंगे स्कूलों का निरीक्षण:
सूत्रों के अनुसार, ओडिशा सरकार के अधिकारी इन स्कूलों का औचक निरीक्षण कर पठन-पाठन की स्थिति की समीक्षा करेंगे. इसके बाद ही अनुदान जारी करने और मानदेय भुगतान को लेकर निर्णय लिया जायेगा. शिक्षकों के माध्यम से कक्षा 1 से 8 तक करीब 8300 बच्चे मातृभाषा ओड़िया में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. यह व्यवस्था पिछले 20 वर्षों से चल रही है.कोल्हान के 118 स्कूलों में 154 ओड़िया शिक्षक कार्यरत
कोल्हान प्रमंडल के तीन जिले पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसावां में उत्कल सम्मेलनी द्वारा संचालित 118 स्कूलों में 154 शिक्षक मानदेय पर कार्यरत हैं.– पूर्वी सिंहभूम : 27 स्कूलों में 54 शिक्षक
– पश्चिमी सिंहभूम : 39 स्कूलों में 42 शिक्षक– सरायकेला-खरसावां : 52 स्कूलों में 58 शिक्षक
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