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Seraikela Kharsawan News : हरिभंजा में स्नान पूर्णिमा पर 108 कलश जल से चतुर्था मूर्ति का महास्नान

प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा व सुदर्शन को रत्न सिंहासन से स्नान मंडप तक लाया गया

खरसावां .

सरायकेला-खरसावां जिला के हरिभंजा स्थित जगन्नाथ मंदिर में बुधवार को स्नान पूर्णिमा पर महाप्रभु को महास्नान कराया गया. सेवायतों ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की प्रतिमा को मंदिर के रत्न सिंहासन से स्नान मंडप तक पहुंचाया. स्नान मंडप में हवन-पूजन कर सभी धार्मिक रस्में भक्तिभाव के साथ निभायी गयी. इसके बाद जय जगन्नाथ के जयघोष, शंखध्वनि व उलुध्वनि के बीच महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन को 108 कलश जल से महास्नान कराया गया. वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाप्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बडे़ भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश व सुदर्शन को 11 कलश जल से स्नान कराया गया. साथ ही अगुरु, चंदन, गाय का घी, दूध, दही, मधु, हल्दी आदि का लेप भी लगाया गया. महाप्रभु के महास्नान की अमृतबेला को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे. मौके पर पुरोहित प्रदीप कुमार दाश, भरत त्रिपाठी, जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव, राजेश सिंहदेव, पृथ्वीराज सिंहदेव, राणा सिंहदेव, जगन्नाथ त्रिपाठी, मोहित दाश, धनंजय सिंहदेव मौजूद थे.

महाप्रभु हुए बीमार, अब 26 को भक्तों को दर्शन देंगे, 27 को रथयात्रा

प्राचीन धार्मिक परंपरा के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा अत्यधिक स्नान करने से बीमार हो जाते हैं. इस दौरान भगवान को मंदिर के एक अलग कमरे ‘अणसर गृह’ में रखा जाता है, जहां उनका देसी जुड़ी-बूटी से उपचार किया जाता है. बीमारी के कारण महाप्रभु एक पखवाड़े तक किसी को दर्शन नहीं देते हैं. 26 जून को महाप्रभु पूरी तरह से स्वस्थ होकर भक्तों को दर्शन देंगे. इसी दिन महाप्रभु का नेत्रोत्सव भी होगा. इसके अगले दिन 27 जून को महाप्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा रथ पर सवार होकर मौसीबाड़ी (गुंडिचा मंदिर) के लिए रवाना होंगे. इसे ही रथयात्रा उत्सव कहा जाता है.

चांडिल : साधुबांध मठिया दशनामी नागा संन्यासी आश्रम में विग्रहों को कराया गया महास्नान

चांडिल.

चांडिल के साधुबांध मठिया दशनामी नागा संन्यासी आश्रम में बुधवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष पूर्णिमा पर प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्र को स्नान मंडप में दूध, दही, मधु, गंगाजल, गुलाब जल आदि से स्नान कराया गया. प्रभु के स्नान के दौरान पुजारियों ने विधिवत मंत्र उच्चारण कर पूजा-अर्चना की. पूजा-अर्चना के बाद महाआरती की गयी. इस दौरान भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. इस दौरान जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष सह पारडीह काली मंदिर के महंत विद्यानंद सरस्वती ने कहा कि प्रभु जगन्नाथ, बड़े भाई बलभद्र व बहन देवी सुभद्र को स्नान कराया गया. स्नान के बाद प्रभु बीमार पड़ जाते हैं. इसके कारण 15 दिनों तक उनका अणसर गृह में उपचार किया जाता है. 25 जून को प्रभु का नव जीवन दर्शन सह भंडारा व 27 जून को तीन अलग- अलग रथों पर प्रभु जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली जायेगी. उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को उलटी रथयात्रा होगी. इस अवसर पर महंत विद्यानंद सरस्वती, जयदा शिव मंदिर के महंत केशवानंद सरस्वती, साधु बांध मठिया के महंत इंद्रानंद सरस्वती, महंत मेघानंद सरस्वती, आजसू नेता हरेलाल महतो, भाजपा नेता पप्पू वर्मा, भाजपा नेता राकेश वर्मा, खगेन महतो, मधु गोराई, प्रबोध उरांव, बॉबी जालान, आशीष कुंडू, संजय चौधरी, बनू सिंह, गणेश वर्मा, दीपू जायसवाल, लाल मोहन दास, शिबू चटर्जी, मनोज वर्मा आदि उपस्थित थे.

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