खरसावां.
सरायकेला-खरसावां जिले में 6422 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हुई है. यह तय लक्ष्य का सिर्फ 6.42 प्रतिशत है. कृषि विभाग ने जिले में एक लाख हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती का लक्ष्य रखा था. जिला में 73 हजार हेक्टेयर भूमि पर रोपा विधि से खेती का लक्ष्य है, जिसमें 4672 हेक्टेयर भूमि पर खेती हुई है. रोपा विधि से जिला में 46 हजार हेक्टेयर भूमि पर अधिक उपजशील धान की खेती के लक्ष्य की जगह मात्र 3320 हेक्टेयर (7.22 प्रतिशत) पर ही आच्छादन हुआ है. 27 हजार हेक्टेयर भूमि पर हाइब्रिड धान की खेती कराने के लक्ष्य के स्थान पर 1352 हेक्टेयर भूमि (5.01 प्रतिशत) पर ही कृषि हो पायी है. छींटा विधि से 27 हजार हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती के लक्ष्य के विरुद्ध सिर्फ 1750 हेक्टेयर भूमि पर आच्छादन हुआ है, जो कि लक्ष्य का 6.48 फीसदी है.जुलाई के प्रथम सप्ताह में 984.6 मिमी हुई बारिश
सरायकेला-खरसावां जिला में जुलाई के पहले सप्ताह में ही 984.6 मिमी रिकाॅर्ड बारिश दर्ज की गयी है. सात जुलाई तक सरायकेला में 163 मिमी, खरसावां में 138 मिमी, कुचाई में 125.6 मिमी, गम्हरिया में 169 मिमी, चांडिल में 75.8 मिमी, नीमडीह में 107 मिमी, ईचागढ़ में 93.2 मिमी व कुकड़ू में 113 मिमी बारिश रिकाॅर्ड दर्ज की गयी है. सरायकेला-खरसावां जिला में जुलाई की सामान्य औसत बारिश 253.2 मिमी है, जबकि सात जुलाई तक ही जिला में औसत 109.4 मिमी बारिश हो चुकी है.जिले में तीन जुलाई तक दलहन व तिलहन खेती की स्थिति
फसल लक्ष्य आच्छादन प्रतिशतधान एक लाख हेक्टेयर 6422 हेक्टेयर 6.42 प्रतिशत
मक्का 6900 हेक्टेयर 1460 हेक्टेयर 21.16 प्रतिशतदलहन 34600 हेक्टेयर 1297 हेक्टेयर3.75 प्रतिशत
तेलहन 1390 हेक्टेयर 86 हेक्टेयर 61.9 प्रतिशतडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है